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घरेलू उड़ानों में पर्यावरण अनुकूल ईंधन का नहीं हो रहा उपयोग

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सांसद संजीव अरोड़ा के सवाल पर राज्यसभा में मंत्री मोहोल ने किया खुलासा

लुधियाना 14 दिसंबर। कार्बन ऑफसेटिंग रिडक्शन स्कीम फॉर इंटरनेशनल एविएशन केवल अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए लागू है। अभी तक घरेलू उड़ानों में सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल के उपयोग के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह बात केंद्रीय नागरिक विमानन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा के चल रहे शीतकालीन सत्र में कही।

सांसद संजीव अरोड़ा ने इस बारे में सवाल किया था। जवाब में मंत्री ने कहा कि इंटरनेशनल सिविल एविएशन आर्गेनाईजेशन इंटरनेशनल एविएशन से कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए बाजार आधारित उपाय यानि सीओआरएसआईए को अपनाया है। भारत आईसीएओ का सदस्य देश होने के नाते, 2027 से सीओआरएसआईए के अनिवार्य चरण का अनुपालन करने के लिए बाध्य है। सीओआरएसआईए योजना के तहत एयरलाइनों को एक निर्धारित आधार रेखा से ऊपर अपने उत्सर्जन को ऑफसेट करना आवश्यक है।

सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल में जेट ए-वन फ्यूल्स के समान स्पेसिफिकेशन्स, कम्पोजीशन होती है और यह मौजूदा विमान और ईंधन आपूर्ति प्रणालियों के साथ अनुकूल है। मंत्री ने उल्लेख किया कि उपर्युक्त परीक्षण उड़ानों के लिए ईंधन दक्षता और उत्सर्जन में कमी के संदर्भ में परिणाम इस मंत्रालय के पास उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, आईसीएओ में किए गए तकनीकी विश्लेषण से पता चलता है कि एसएएफ में इंटरनेशनल एविएशन से सीओ2 उत्सर्जन को कम करने की सबसे बड़ी क्षमता है।

इसके अलावा उल्लेख कियाकि एसएएफ को कमर्शियल एयरक्राफ्ट्स पर उपयोग किए जाने वाले प्रासंगिक ईंधन स्पेसिफिकेशन में वर्णित आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए। इन सीओआरएसआईए योग्य फ्यूल्स का उत्पादन और उठाव दुनिया में कहीं भी किया जा सकता है। वर्तमान में  आईसीएओ कौंसिल ने तीन सस्टेनेबिलिटी सर्टिफिकेशन स्कीमों को मंजूरी दी है।

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