ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सदन में विपक्ष को दिखाया आईना

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कुंभ में अमृत की तलाश में जाने वालों को मिलता है अमृत, अव्यवस्था और गंदगी ढूंढने वालों को दिखती है गंदगी और अव्यवस्था

जनहितैषी—21 फरवरी, लखनउ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रयागराज महाकुंभ 2025 पर बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व एवं निर्देशन में प्रदेश सरकार सबका साथ, सबका विकास के साथ सबका कल्याण करने की भावना के तहत कार्य करते हुए प्रदेश को ऊंचाइयों पर ले जा रही है। इस बार के महाकुंभ की व्यवस्थाओं के संबंध में महामहिम जी ने भी अपने भाषण में इसकी अलौकिकता की प्रशंसा की थी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महाकुंभ को दिव्य, भव्य और अलौकिक रूप से संपन्न कर रही है। पूरे देश और दुनिया से अभी तक 56.25 करोड़ श्रद्धालु संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया और 70 करोड लोग कुंभ क्षेत्र में आए गए। लेकिन विपक्ष अभी तक कुंभ के महत्व को नहीं समझ पाया, न ही सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं को देख पा रहा। प्रयागराज महाकुंभ की बहुत ही पौराणिक महिमा है। रामचरितमानस में कहा गया है कि ‘‘माघ मकर गति रवि जब होई। तीरथपतिहि आब सब कोई।। देव दनुज किन्नर नर श्रेनी। सादर मंज्जहि सकल त्रिवेणी।।’’ प्रयागराज बहुत ही पवित्र और पूण्य क्षेत्र है। महाकुंभ में इसरो के श्रेष्ठ वैज्ञानिक भी गए। समाज के सभी वर्ग के लोग प्रयाग जाकर त्रिवेणी में स्नान कर रहे। पुराणों में भी कहा गया है कि ‘‘माघमासे गमिष्यंति गंगायमुनसंगमे।ं ब्रह्माविष्णु महादेव रुद्रादित्य मरूदगणाः।।’’

नगर विकास मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने कहा कि नगर विकास विभाग महाकुंभ का नोडल विभाग होने तथा विभाग का मंत्री होने से मुझे भी प्रयागराज की सेवा का अवसर मिला। विपक्ष के लिए रामचरितमानस में कहीं यह बात सही प्रतीत होती है कि ‘‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी’’। उन्होंने कहा कि जो अमृत की तलाश में जाता है उसे अमृत मिलता है, जो गंदगी और अव्यवस्था ढूंढने जाते हैं उन्हें वही मिलेगा। ऐसे लोगों के लिए ही कहा गया है कि ‘जाकर जापर सत्य सनेहू, सो तेहि मिलेहि न कछु संदेहू।’’ उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आए हुए लोग दुनिया के तीसरे बड़े देश अमेरिका की आबादी की दोगुना से भी ज्यादा हैं।

 

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