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बिजली फॉल्ट और कट, पानी का संकट और जानलेवा गर्मी शहरी बेहाल, मचा रहा हाहाकार, अभी हालात और बिगड़ेंगे

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एक दिन में करीब 56 हजार पावर-कंप्लेंट, बिजली की डिमांड तेज बढ़ी तो 65 फीडर्स पर घंटों लगाने पड़े कट

लुधियाना 13 जून। कुदरती-कहर के चलते वीरवार को भी महानगर में तापमान 45 डिग्री सेलसियस से पार रहा। ऐसे में जानलेवा गर्मी से परेशान लोगों को बिजली संकट ने बेहाल कर दिया। भीषण गर्मी से बिजली की डिमांड तेजी से बढ़ी, लेकिन उत्पादन क्षमता कम होने की वजह से पीएसपीसीएल को दर्जनों फीडरों पर घंटों-घटों कट लगाने पड़े। जिसके चलते बिजली के साथ ही जलसंकट भी बढ़ गया। दूसरी तरफ, पावर-फॉल्ट की हजारों शिकायतों के चलते विभागीय स्टाफ भी उनको दुरुस्त करने के मामले में नाकाफी साबित हो रहा है। कुल मिलाकर बिजली-संकट और उससे बनी अव्यवस्था का खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो बढ़ती गर्मी के साथ ही धान की बिजाई के लिए पावर-सप्लाई बढ़ाने पर बिजली संकट आगे और बढ़ने के आसार हैं।

कंप्लेंट बेहिसाब, स्टाफ नाकाफी : इस मामले में पीएसपीसीएल के चीफ इंजीनियर इंदरपाल सिंह गरेवाल से संपर्क किया गया। उन्होंने शहर के कई इलाकों में बिजली-संकट की अधिकारिक वजह मेजर-फॉल्ट बताया। जिसके दुरुस्त होने में ज्यादा वक्त लगने की बात भी कही। यह तो बड़े फॉल्ट की बात रही, बाकी अकेले बुधवार को ही 55 हजार 750 से ज्यादा शिकायतें बिजली महकमे को मिलीं। जाहिर है कि पावरलोड बढ़ने से भी ट्रांसफार्मरों, बिजली लाइनों में फॉल्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में फॉल्ट दुरुस्त करने वाला विभागीय स्टाफ भी नाकाफी साबित हो रहा है।

कुदरती कहर से बढ़ी मांग : जून में दोबारा से प्रचंड गर्मी के चलते तापमान 47 डिग्री तक पहुंच रहा है। ऊपर से धान की बुवाई का सीजन शुरु होने से भी बिजली की मांग तेजी से बढ़ी है। नतीजतन शहरभर में औसतन तीन से चार घंटे तक पावरकट लग रहे हैं। मसलन, बुधवार की सुबह पावर-डिमांड 10 हजार 217 मेगावाट थी। दोपहर होने तक यही मांग 11 हजार 500 मेगावाट पार हो गई थी। लिहाजा 32 शहरी फीडरों पर दो-दो घंटे और 34 शहरी फीडरों पर चार-चार घंटे का कट लगाकर बिजली की बचत की गई। वैसे तो पावरकॉम के अफसर अघोषित बिजली कटों की बात आसानी से स्वीकार नहीं करते हैं। वह  बिजली कटों की अहम वजह मरम्मत कार्यों को ही मानते हैं।

शहर के खास इलाकों में भी रही बिजली बंद : पावरकॉम के शेड्यूल के मुताबिक मायानगर फीडर से जुड़े घुमार मंडी इलाके, जसवंत नगर, संत नगर, दयाल नगर, हीरा नगर रोड और आसपास के इलाकों में वीरवार सुबह 9.45 से लेकर शाम 4 बजे तक बिजली बंद रही। इसी तरह घुमार मंडी फीडर से लगते जसवंत नगर, माया नगर आदि इलाकों में भी इसी दौरान बिजली बंद रही। गुरु नानक स्टेडियम वाले फीडर से जुड़े क्लब रोड, रख बाग, लुधियाना क्लब, दुर्गा माता मंदिर तक सुबह 7 से लेकर शाम 3 बजे तक बिजली बंद रही। शाही मोहल्ले वाले फीडर से जुड़े गुरु नानकपुरा, उपकर नगर, बिंद्रावन रोड, कैलाश चौक, भंडारी स्ट्रीट, शाही मोहल्ले में सुबह 8 से लेकर शाम 3 बजे तक पावर कट रखा गया। रानी झांसी रोड फीडर से जुड़े कॉलेज रोड, बसंत रोड, संगत रोड, हीरा सिंह रोड, पार्क स्ट्रीट, दीवान हॉस्पिटल तक सुबह 8.30 से लेकर शाम 3 बजे तक बिजली बंद रखी गई। जबकि रामनगर फीडर में लगते सिविल लाइंस, ग्रीन पार्क, पटेल नगर, सिमेट्री रोड, दंडी स्वामी मंदिर, राम नगर, राजेंद्र नगर, कैलाश चौक और आसपास के इलाकों में सुबह 8 से लेकर शाम 3 बजे तक बिजली बंद रखी गई। इसके अलावा मॉल एनक्लेव फीडर से जुड़े राजाराम पार्क, मॉल रोड, रानी झांसी रोड, एचआईजी फ्लैट्स, खालसा कॉलेज और आसपास के इलाके में सुबह 7 से लेकर शाम 4 बजे तक बिजली बंद रखी गई। जबकि सिविल लाइंस से जुड़े पटेल नगर, सिमेट्री रोड, मलेरकोटला हाउस, कैलाश चौक, भंडारी स्ट्रीट और आसपास के इलाकों में सुबह 6.45 से लेकर शाम 3 बजे तक बिजली बंद रही।

शिकायतों पर सुनवाई तक नहीं : सिविल सिटी के उमेश मल्होत्रा ने रोष जताया कि उनके इलाके में बुधवार रात से बिजली संकट बना है। वीरवार दोपहर तक भी बिजली नहीं आई। शिकायतों के बावजूद महकमे में सुनवाई नहीं होती। वहीं, अग्र नगर की पूजा के मुताबिक उन्होंने 11 जून को बिजली महकमे में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बावजूद 13 जून तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

बुवाई सीजन में बढ़ेगा बिजली संकट : धान की बुवाई के सीजन के लिए पंजाब सरकार ने 10 जून से पहले चरण में कुछेक जिलों में आठ घंटे बिजली सप्लाई शुरू की। दूसरे चरण के लिए कृषि सैक्टर को 16, तीसरे चरण के लिए 19 और चौथे चरण के लिए 21 जून से आठ घंटे की बिजली सप्लाई शुरु होनी है। पंजाब के 14 लाख 50 हजार ट्यूबवेलों के लिए आठ घंटे बिजली सप्लाई शुरु करने से बिजली की कुल मांग दो हजार मेगावाट तक बढ़ने की उम्मीद है। यानि कृषि सैक्टर को बिजली देने पर पंजाब में बिजली की मांग 16500 के पार पहुंच जाएगी। बीते साल जून महीने में कृषि सैक्टर को बिजली सप्लाई दिए जाने के बाद बिजली की कुल मांग 15 हजार 300 मेगावॉट तक पहुंची थी। इस बार उससे ज्यादा कृषि-सैक्टर में बिजली खपत होने से पावरकट लगने लाजिमी हैं।

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