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हरियाणा में सिर पर चुनाव, सरकार का बढ़ा तनाव, बॉर्डर पर डटे किसानों का मुद्दा पड़ न जाए भारी

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सरकार खोले रास्ता, हमने नहीं रोका, किसानों-प्रशासन की दूसरी मीटिंग भी बेनतीजा

पंजाब 25 अगस्त। शंभू बॉर्डर विवाद टलने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक तरफ हरियामआ में सिर पर चुनाव है, लेकिन दूसरी तरफ शंभू बॉर्डर का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा। यह मामला कही हरियाणा सरकार का तनाव और न बढ़ा दे। आशंका जताई जा रही किसानों का यह विवाद ही कही हरियाणा की बीजेपी सरकार पर भारी न पड़ जाए। दरअसल, पिछले 6 महीने से बंद पड़े शंभू बॉर्डर को खोलने के लिए रविवार को किसानों और प्रशासन के बीच पटियाला पुलिस लाइन में दूसरी मीटिंग हुई। इस मीटिंग में कोई नतीजा नहीं निकला। मीटिंग में पंजाब व हरियाणा सरकार के पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे।

केंद्र व हरियाणा सरकार ने बंद किया बॉर्डर

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों ने कोई रास्ता बंद नहीं किया। रास्ता हरियाणा व केंद्र सरकार की तरफ से बंद किया है। ऐसे में सरकार को शंभू बार्डर खोलना चाहिए। हमने प्रशासन के सामने अपनी बातें रखी है। उन्होंने कहा कि अदालत में केस हम लेकर नहीं गए हैं, यह तो सरकार गई है। हमने प्रशासन के सामने मांग रख दी है। वहीं, उन्होंने कहा कि हरियाणा चाहता है कि किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियां लेकर न दिल्ली जाए। लेकिन वह बिना ट्रैक्टर ट्रॉली दिल्ली जाएंगे। इसके अलावा मीटिंग को लेकर एजेंडा नहीं था। वहीं, इस मीटिंग जगजीत सिंह डल्लेवाल शामिल नहीं हुए।

नागपुर से तैयार हो रहे कंगना के बयान

पंधेर ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनोट के बयान को लेकर कहा है कि वह जो भी बयान देती है, उसमे केवल मौजूदा मु्द्दे से लोगों का ध्यान डायवर्ट करने की कोशिश की जाती है। उन्होंने कहा कि कंगना के बयान नागपुर से लिखकर दिए जाते है। बयान राजनीति से प्रेरित है। मुद्दों को भटकाने की कोशिश की जा रही है। वह पहले भी किसान आंदोलन को टारगेट करती रही है। इस दौरान उन्होंने 31 अगस्त को शंभू बार्डर समेत 3 जगह पर किए जाने वाले प्रदर्शन को लेकर रणनीति बनाई गई है। किसानों का साफ कहना है कि वह भी चाहते हैं कि रास्ता सबके लिए खोला चाहिए।

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