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चुनावी-कनैक्शन ! हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले राम रहीम को फरलो, पूरे 21 दिन रहेगा जेल से बाहर

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हाईकोर्ट की हिदायत थी सोच-समझकर फरलो या पैरोल देना, इसके बावजूद सैनी सरकार डेरा प्रमुख पर मेहरबान

चंडीगढ़ 13 अगस्त। जैसी सियासी-हल्कों में चर्चा थी, आखिरकार हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले साध्वियों के यौन शोषण और कत्ल केस में सजा भुगत रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर फिर ‘सरकारी-मेहरबानी’ हो गई। पूरे 21 दिन की फरलो मंजूर होते ही मंगलवार को राम रहीम ने रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर पहुंचते ही काफिले के साथ सीधे यूपी के बागपत में बरनावा स्थित आश्रम का रुख किया।
हाईकोर्ट की हिदायत नजरंदाज !
यहां काबिलेजिक्र है कि दो दिन पहले ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में खास हिदायत दी थी। अदालत ने सरकार से कहा था कि राम रहीम को सोच-समझकर ही फरलो या पैरोल दी जाए। इसके बावजूद सूबे की भाजपा सरकार के सीएम नायब सैनी ने राम रहीम को बस एक शर्त लगा फरलो दे दी कि वह सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में नहीं जाएगा। लिहाजा डेरा प्रमुख ने भी अब पूरे 21 दिन बागपत स्थित बरनावा आश्रम में रहने की सरकारी-शर्त आसानी से मान ली।
संगत ने नाम जारी किया वीडियो-फरमान :
जैसा डेरा प्रमुख की मंशा थी, उस मिशन में कामयाबी मिली।
बरनावा आश्रम पहुंचकर राम रहीम ने सबसे पहले अपने अनुयायियों से संपर्क साधा। हाईटेक रास्ता अपनाते हुए 23 सेकेंड का वीडियो जारी किया। जिसमें कहा कि प्यारी साध संगत जी, आपके दर्शनों के लिए फिर से हाजिर हुए हैं। आप अपने-अपने घरों में रहना है। किसी ने यहां नहीं आना। जैसे ही सेवादार-जिम्मेदार आपको बताएंगे, उसी हिसाब से सेवा करनी है। सबको बहुत-बहुत आशीर्वाद।
एसजीपीसी की याचिका हुई थी खारिज :
गौरतलब है कि 10 अगस्त को हाईकोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की याचिका को खारिज कर दी थी। जिसमें राम रहीम को बार-बार पैरोल या फरलो देने पर सवाल उठाए गए थे। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि राज्य सरकार ऐसे मुद्दों पर निर्णय लेने में सक्षम है। यहां बता दें कि राम रहीम का चुनाव से पहले जेल से बाहर आना नई बात नहीं है। इससे पहले भी उसे अलग-अलग चुनाव से पहले पैरोल-फरलो मिल चुकी है। वह हरियाणा के पंचायत चुनावों के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में बाहर आ चुका है।
चुनावों से पहले मिलती रही फरलो-पैरोल :
पिछले रिकॉर्ड के मुताबिक साफ जाहिर होता है कि डेरा प्रमुख को कई बार विभिन्न चुनाव से पहले हरियाणा सरकार फरलो-पैरोल दे चुकी है। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में भी राम रहीम जेल से बाहर आना चाहता था। उसने कहा था कि मैं 14 दिन की पैरोल का हकदार हूं। हालांकि हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने राम रहीम को पैरोल नहीं दे सकी थी। पंजाब में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में अंतिम समय पर डेरा समर्थकों ने भाजपा का समर्थन किया था। इसका भाजपा और अकाली दल गठबंधन को फायदा मिला था। हरियाणा में 2014 में हुए चुनाव में भाजपा की जीत में डेरे का बड़ा योगदान रहा।
चुनाव में डेरे के संपर्क में रहे राजनेता :
साल 2019 के आम चुनाव में बाबा के जेल में होने के बावजूद कई नेता, पूर्व विधायक और उम्मीदवार डेरे के संपर्क में थे। इसका उन्हें फायदा भी मिला। वर्ष 2024 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट राम रहीम सहित 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर चुका है। 10 जुलाई, 2002 को कुरुक्षेत्र के रहने वाले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या हुई थी। रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। सीबीआई कोर्ट ने अक्टूबर, 2021 में राम रहीम समेत 5 आरोपियों को उम्रकैद की सजा दी थी। हाईकोर्ट ने 27 मई, 2024 को सीबीआई का फैसला रद्द कर राम रहीम को इस केस में बरी कर दिया था।
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