कुरुक्षेत्र पहुंचे राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया समागम में हुए शामिल
कुरुक्षेत्र 2 फरवरी। भारत 2047 तक जरूर पूरी दुनिया की अगुवाई करते हुए फिर से विश्व गुरु बनेगा। हालांकि इसके लिए सभी देशवासियों को एकुजटता के साथ आगे बढ़ना होगा। शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है तो आत्मनिर्भर भारत व स्वदेशी अभियान को भी उत्साह के साथ आग सफल बनाने के लिए आगे आना होगा। यह आह्वान पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने किया।
कटारिया रविवार को धर्मनगरी कुरुक्षेत्र पहुंचे थे। जहां उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती की जन्म शताब्दी समारोह को बतौर मुख्यतिथि संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक बेहतर भारत के निर्माण के लिए शिक्षा को ही सबसे ज्यादा बढ़ावा देने की जरूरत है, जिसके साथ ही संस्कार भी हो। महर्षि दयानंद भी मानते थे कि शिक्षा का व्यक्ति के जीवन, समाज व देश में बदलाव के लिए अहम महत्व है। इसी पर चलते हुए उन्होंने वेदों की ओर लौटने का आह्वान किया था। उन्हें पता था कि वेदों में शिक्षा भी है और संस्कार भी। यह ज्ञान होने पर हर देशवासी ज्ञानवान होगा और फिर हर सामाजिक बुराई समाप्त की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि आने वाली पीढि़यों के लिए हमें बेहतर माहौल पैदा करना होगा, तभी वे देश को और ज्यादा बेहतर बना सकेंगे। राज्यपाल ने कहा कि जब भी धरती पर अन्याय बढ़ता है तो कोई न कोई महापुरष जन्म लेता है और महर्षि दयानंद भी ऐसे ही समय पर पैदा हुए, जहां पूरा देश अशिक्षा से लेकर अनेक सामाजिक बुराईयों से घिरा हुआ था। हालांकि आज भी उनके दर्शन का भारत नहीं बन पाया है लेकिन इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए लोगों को शिक्षित किया जा सकता है। 2047 में भारत को विश्वगुरु बनाना है तो महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारों पर चलना होगा। समारोह की अध्यक्षता सीकर के पूर्व सांसद स्वामी अवधेशानंद ने की जबकि इस दौरान स्वामी संपूर्णनंद ने भी संबोधन किया।