चंडीगढ़ 12 मई। ईडी की और से चंडीगढ़ के बैंकों के साथ करीब 300 करोड़ की ठगी करने के मामले मं बड़ा एक्शन लिया जा रहा है। इस मामले में मुख्य आरोपी सुखविंदर सिंह छाबड़ा थाइलैंड में छिपा है। जिसके चलते ईडी की और से उसे भारत लाने की तैयारी की जा रही है। इस मामले संबंधी ईडी की और से जानकारी चंडीगढ़ स्थित प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की विशेष अदालत में दी। छाबड़ा पर इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से करीब 300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। सी.बी.आई. व ईडी द्वारा दर्ज किए गए मामले के बाद मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं के तहत पर्चे में जांच शुरू की गई। मामले में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार दिल्ली सीबीआई ने सुखविंदर सिंह छाबड़ा समेत 50 आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामला दर्ज किया था।
बैंक अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग किया
इस मामले में पी.एम.एल.ए. मनी लॉन्ड्रिंग का मामला विशेष अदालत में चल रहा है। आरोपियों को थाईलैंड से लाने के लिए ईडी पहले समन भेजेगी। इसके बाद गृह मंत्रालय की मदद से आगे की कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक इंडियन ओवरसीज बैंक के अधिकारियों और कुछ कारोबारियों की मिलीभगत से बैंकों को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया। आरोपी बैंक अधिकारियों ने हांगकांग की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। दिल्ली सीबीआई ने घोटाले को उजागर कर मामला दर्ज किया था।
2016 में सीबीआई ने किया था खुलासा
दिल्ली सीबीआई ने 8 अगस्त 2016 को इस घोटाले का खुलासा किया था। आरोप था कि इंडियन ओवरसीज बैंक की चंडीगढ़ शाखा के फॉरेक्स डिपार्टमेंट में 2010 से तैनात आशु मेहरा और अन्य लोगों ने मिलकर हांगकांग की कंपनी को फायदा पहुंचाया। इसके चलते इंडियन ओवरसीज बैंक समेत पंजाब नेशनल बैंक, दुबई और बैंक ऑफ बड़ौदा बहामास ब्रांच को 47.86 मिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन मिला। जांच में पता चला कि हांगकांग स्थित कंपनी मेसर्स कलर वेब लिमिटेड ने भुगतान के लिए पीएनबी से संपर्क किया था। अधिकारियों की अनुमति के बिना बैंक ऑफ बड़ौदा की दुबई और बहामास शाखाओं को लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किए गए। उसके आधार पर दोनों बैंकों ने विदेश में उन कंपनियों को करोड़ों रुपये का भुगतान जारी कर दिया। बाद में आरोपी कंपनी ने उक्त बैंकों से लिया गया ऋण वापस नहीं किया।