अनिल अंबानी और उनके रिलायंस ग्रुप के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत 3000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। जब्त की गई संपत्तियों में अनिल अंबानी का मुंबई के पाली हिल स्थित आलीशान घर, साथ ही रिलायंस कम्युनिकेशन और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के दिल्ली, नोएडा, मुंबई, गोवा, पुणे, हैदराबाद और चेन्नई में स्थित फ्लैट, प्लॉट और दफ्तर शामिल हैं।
दिल्ली का रिलायंस सेंटर भी जब्त
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के महाराजा रणजीत सिंह मार्ग स्थित होटल रणजीत परिसर में बने रिलायंस सेंटर को भी ईडी ने अपनी जब्ती सूची में शामिल किया है। यह ऑफिस तीन एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है और अंबानी के प्रमुख दफ्तरों में से एक माना जाता है। एजेंसी ने यह कदम 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक फंड की कथित हेराफेरी के मामले में उठाया है।
बैंक फंड में हेराफेरी के आरोप
ईडी का कहना है कि अंबानी ग्रुप की कंपनियों ने बैंक से मिले फंड को शेल कंपनियों के माध्यम से स्थानांतरित किया, जिससे धन का दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका है। बताया गया कि कॉर्पोरेट लोन का बड़ा हिस्सा ग्रुप की अपनी कंपनियों में पहुंच गया। आने वाले दिनों में और संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं।
पहले भी हुई थी छापेमारी
ईडी ने जुलाई से अब तक अंबानी के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। 5 अगस्त को उन्हें दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। यह जांच प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत हो रही है और सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है। अंबानी पर विदेश यात्रा पर रोक भी जारी है।





