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लोस चुनाव में लगे झटके से आप अब सियासी-मोर्चे पर ‘आरपार’ के मूड में

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जालंधर वैस्ट के उप चुनाव में खुद मोर्चा संभालेंगे सीएम मान, किराए का मकान ले वहीं डेरा डालेंगे

नदीम अंसारी

लुधियाना 14 जून। आम आदमी पार्टी इस लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में मिशन 13-0 के नारे की नाकामी से गहरी चिंता में है। लिहाजा अब जालंधर वैस्ट सीट पर विधानसभा के उप चुनाव को आप ने अपनी साख का सवाल बना लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान खुद वहां मोर्चा संभालेंगे। वह बाकायदा जालंधर कैंट के दीप नगर इलाके में किराए का मकान लेकर फेमली के साथ चुनाव निपटने तक वहीं डेरा डालेंगे।

जानकारी के मुताबिक सीएम मान के साथ दीप नगर वाले मकान में उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर और बहन मनप्रीत कौर भी साथ ही रहेंगी। सीएम किसी भी समय दीप नगर में शिफ्ट हो जाएंगे। यह फैसला कल चंडीगढ़ में आप की मीटिंग के दौरान लिया गया। कहा तो यहां तक जा रहा है कि सीएम मान का जालंधर में यह नया घर नया इस उप-चुनाव के बाद भी रहेगा। वह अगले विधानसभा चुनाव तक इस ठिकाने को कायम रखेंगे।

बताया जा रहा है कि सीएम मान ने लोस चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहने के मुद्दे को पूरी गंभीरता से लिया है। लिहाजा वह जालंधर के विस उप चुनाव के बाद भी पार्टी वर्करों का मनोबल बढ़ाने के साथ जनता को अलग संदेश देना चाहते हैं। इसी मंशा से तय शैड्यूल के मुताबिक वह जालंधर वाले मकान हफ्ते में तीन दिन मौजूद रहा करेंगे। जालंधर में रहने से उनको दोआबा और मांझा इलाके के आप नेताओं के अलावा आम लोगों से भी संपर्क करने में आसानी होगी। गौरतलब है कि पिछली बार लोस उप चुनाव के दौरान जालंधर में सीएम मान के साथ आप नेता कुछ दिन होटलों में रहे थे।

लोहे से लोहा काटने की रणनीति : आम आदमी पार्टी इस उप चुनाव में कांग्रेस की बजाए बीजेपी को निशाने पर रखकर चल रही है। लिहाजा इस उप चुनाव में आप से टिकट के मजबूत दावेदार हल्का प्रभारी मोहिंदर लाल भगत हैं। जो भाजपा के पूर्व मंत्री भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं। उनके अलावा आप की पुरानी टीम में से ही जिला संयोजक स्टीवन क्लेर और जिला योजना समिति के चेयरमैन अमृतपाल सिंह भी टिकट के दावेदारों में शामिल हैं।

रडार पर अंगुराल और रिंकू : यहां बता दें कि यह उप चुनाव इस विस हल्के के एमएलए शीतल अंगुराल का इस्तीफा मंजूर होने की वजह से हो रहे हैं। उन्होंने आप के टिकट पर जालंधर लोस सीट से चुनाव जीतने वाले सुशील रिंकू के साथ बीजेपी जॉइंन कर ली थी। वैसे तो दोनों ही सियासत में शिकस्त खा गए। बीजेपी से प्रत्याशी बने रिंकू को कांग्रेसी उम्मीदवार व पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने इस हरा दिया। जबकि सियासी-दांव पेंच में आप से मात खा गए अंगुराल का इस्तीफा राज्य सरकार ने मंजूर कर लिया। खैर,

आप के निशाने पर उसको धोखा देने वाले बीजेपी नेता रिंकू और अंगुराल ही हैं।

कांग्रेस क्यों नहीं निशाने पर ? गौरतलब है कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया। जालंधर सीट से चन्नी भी जीत गए। इसके बावजूद आप के निशाने पर बीजेपी क्यों है, यह अहम सवाल है। दरअसल बीजेपी ने भले ही अपना खाता तक नहीं खोला, लेकिन अकेले चुनाव लड़कर भी अपना वोट प्रतिशत बढ़ा लिया। जबकि पिछले लोस चुनाव के मुकाबले इस बार कांग्रेस की एक सीट घट गई। वहीं, अकालियों की तो सियासी-लुटिया ही डूब गई। ऐसे में खुद आप 13-0 का नारा देकर महज तीन सीटें ही हासिल कर पाई। लिहाजा उसे इंडी-ब्लॉक में अपनी साझीदार कांग्रेस के अलावा वजूद खोते शिरोमणि अकाली दल से ज्यादा बीजेपी की बढ़त की चिंता लगी है। उसे रोकने के लिए ही सीएम मान खुद जालंधर के उप चुनाव में मोर्चा संभालने जा रहे हैं। सियासी जानकारों की नजर में अगर बीजेपी यह उप चुनाव जीत गई तो उसने अपनी कामयाबी का जोरदार प्रचार करना है। जिसका सीधा असर सूबे की सत्ता पर काबिज आप की सियासी-इमेज पर ही पड़ेगा।

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