watch-tv

स्टार्टअप के तकनीक आधारित नए कांसेप्ट के चलते इन्वेस्टर हैं बैंकों की तुलना में बेहतर पारखी : सिंघल

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

ईस्टमैन ग्रुप के चेयरमैन जेआर सिंघल ने ग्रोथ वाइन वेंचर की ओर से हुए स्टार्टअप के अवेयरनेस प्रोग्राम को सराहा

लुधियाना 16 सितंबर। ग्रोथ वाइन वेंचर की ओर से महानगर में स्टार्टअप को लेकर एक अवेयरनेस प्रोग्राम कराया गया। जिसमें औद्योगिक नगरी लुधियाना के नामी उद्यमियों ने हिस्सा लिया। इस प्रोग्राम को लेकर ईस्टमैन ग्रुप के चेयरमैन जेआर सिंघल से यूटर्न टाइम ने खास बातचीत की।

अनुभवी एवं प्रतिष्ठित उद्यमी सिंघल ने बेबाकी से कहा कि वह और उनके जैसे कई नामी उद्यमी इसलिए इस प्रोग्राम में इसलिए शामिल हुए, क्योंकि यह एक प्रभावी कार्यक्रम था। खासकर उन युवा उद्यमियों के लिए यहां बहुत कुछ सीखने का एक बेहतर अवसर रहा, जो बिजनेस-फील्ड में नए-नए प्रयोग कर निवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने खुद यहां पीचिंग-सेशन देखा, जिससे बड़ी सीख मिली। खासतौर पर तकनीक आधारित कांसेप्ट प्रभावी रहा।

वरिष्ठ उद्यमी सिंघल ने यह भी कहा कि भविष्य में भी मौका मिलेगा तो वह ऐसे और इवेंट अटेंड करेंगे। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजकों का विशेष आभार जताते कहा कि जिन्होंने पिचिंग-सेशन किए, वे बहुत अलग और बढ़िया थे। पुराने दौर की तुलना में अब पिंचिंग के जरिए फंड-रेजिंग को लेकर उन्होंने कहा कि बेशक पहले हम फंड्स को लेकर सिर्फ बैंकों पर निर्भर होते थे। तब बैंकों का तरीका या कहें प्रक्रिया बहुत कठिन होती थी। इसलिए पैसा आसानी से नहीं मिल पाता था। अगर मिलता भी था तो उसके दुरुपयोग की आशंका भी रहती थी।

उन्होंने कहा कि अब फंड-रेजिंग का तरीका फास्ट-ट्रैक वाला और आसान हो गया है। स्टार्टअप के इस नए तरीके से निवेश करने वाले बेहतर तरीके से परख कर लेते हैं कि उनका पैसा कहां लग रहा है। जबकि बैंक उतनी परख नहीं कर सकता है, जैसा कि अब फंडिंग करने वाला बारीकी से परख कर लेता है। उन्होंने सीधेतौर पर कहा कि अब स्टार्टअप के इस कांसेप्ट के चलते इन्वेस्टर बहुत बेहतर तरीके से पड़ताल कर लेता है। जैसा बैंक नहीं कर पाते थे, यह एक बड़ा सकारात्मक पहलू है। साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि इन्वेस्टर्स के नजरिए से उनकी निगाह में दो-तीन लोग हैं। भविष्य में यह कांसेप्ट बेहतर साबित होगा।

———–

 

Leave a Comment