पंजाब/यूटर्न /6 जून: पंजाब की जेलों में नशे का कारोबार नही रूक पा रहा क्योंकि खुद जेल कर्मी ही कैदियों को नशा स्पलाई कर रहे है। इसका खुलासा खुद अमृतसर के जेल सुप्रिडैंट ने किया है। केंद्रीय जेल अमृतसर में पिछले कई सालों से नशे का गंदा धंधा चल रहा था। इस बारे में अधिकारियों को शक था कि जेल के कुछ कर्मचारी कैदियों के साथ मिलकर नशे का नेटवर्क चला रहे हैं। मगर यह सब कुछ इतने शातिर अंदाज से अंजाम दिया जा रहा था कि जेल के बड़े अधिकारी भी चकमा खा जाते थे। केंद्रीय जेल के नए सुपरिंटेंडेंट द्वारा अपनी टीम के साथ मिलकर नशे के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया। इसके बाद सिटी पुलिस के अधिकारियों और थाना इस्लामाबाद की पुलिस ने मामले की जांच को आगे बढ़ाया और इस केस में शामिल सात कैदियों की गिरफतारी की गई है। जेल के एक सुरक्षाकर्मी और जेल में तैनात लैब टेक्नीशियन को भी गिरफतार किया गया।
जूते और गुप्तांग में छुपाकर लाते थे नशा
पकड़े गए जेल मुलाजिमों से खुलासा हुआ है कि वह पगड़ी जूते और गुप्तांग में छुपा कर नशा जेल के अंदर ले जाते थे और हर खेप के बदले में 5000 रुपये मिलते थे। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने गिरोह के नेटवर्क का भंडाफोड़ करने की जानकारी बुधवार को दी है। उन्होंने बताया है कि जेल में इस नशा कारोबार के काम में शामिल कैदियों को बठिंडा जेल में शिफट कर दिया गया है और इस केस में शामिल एक गैंगस्टर साजन कल्याण उर्फ डड्डू को सुरक्षा के मद्देनजर अमृतसर में ही रखा गया है। जेल की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस के आईआरबी 5 बटालियन के जवानों की तैनाती की गई है। 12 अप्रैल को कांस्टेबल मंगत सिंह निवासी ग्रीन सिटी जब ड्यूटी पर पहुंचा तो उसकी तलाशी ली गई इस तलाशी के दौरान उसके कब्जे से तंबाकू और 50 ग्राम हेरोइन बरामद की गई। थाना इस्लामाबाद में केस दर्ज करवाया गया। इसके बाद दूसरा मामला 30 अप्रैल को सामने आया। जेल में तैनात स्वास्थ्य विभाग के लैब टेक्नीशियन जसदीप सिंह की गिरफतारी की गई उसके कब्जे से 149 ग्राम अफीम 8400, पहचान पत्र और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए। मामला पुलिस के पास पहुंचा तो थाना इस्लामाबाद की पुलिस द्वारा केस दर्ज कर मामले की जांच की गई। जांच के दौरान पाया गया कि जेल में बंद कैदियों के पास नशीले पदार्थ पहुंच रहे थे। वह जेल में आगे जेल में बंद कैदियों और हवालातियों को सप्लाई कर रहे थे। थाना इस्लामाबाद की पुलिस द्वारा इस मामले में जेल में बंद कुखयात अपराधी जय कुश कुमार निवासी सेवा नगर नजदीक पेट्रोल पंप रामतीर्थ रोड को गिरफतार किया गया है। फिर उसके भाई अभिषेक भट्टी को गिरफतार किया गया। कांस्टेबल और लैब टेक्नीशियन दोनों की गिरफतारी में उनकी भूमिका सामने आई है। दोनों ही उनके पास नशीला पदार्थ जेल के बाहर से अंदर पहुंच जाते थे।
एक कर्मी शूगर तो दूसरा एचआईवी से पीडित
पुलिस कमिश्नर के अनुसार पकड़ा गया कांस्टेबल शुगर का मरीज है और उसके हाथ की उंगलियां भी कटी हुई है। उसकी हालत को देखकर ही जेल के सुरक्षा मुलाजिम उस पर तरस करते थे और उसकी तलाशी नहीं ली जाती थी। जिसका फायदा वह उठाता रहा और जेल के अंदर नशा पहुंचाता रहा लैब टेक्नीशियन की ड्यूटी एचआईवी पॉजीटिव मरीज का सैंपल लेने की थी । उसने जेल विभाग का नकली पहचान पत्र बनाया था। इस पहचान पत्र पर जेल सुपरिंटेंडेंट के नकली हस्ताक्षर भी किए हुए हैं। पूछताछ के दौरान सामने आया है कि दोनों ही मुलाजिम पगड़ी, जूते और गुप्तांग में नशा छुपा कर अंदर ले जाते थे।
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