राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने किया सवाल, केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने दिया जवाब
लुधियाना 27 दिसंबर। एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फ़ूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवेलोप्मेन्ट अथॉरिटी यानि एपीईडीए के लिए क्रिसिल लिमिटेड ने रिपोर्ट पेश की है। इस ‘स्टडी ऑफ इंडियन आर्गेनिक मार्किट एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन स्ट्रेटेजी’ की रिपोर्ट महत्वपूर्ण है। जिसके अनुसार वर्ष 2023-24 में भारतीय आर्गेनिक मार्केट का मूल्य 16,800 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। जिसमें 5,520 करोड़ रुपये का निर्यात, 3,340 करोड़ रुपये की संगठित डोमेस्टिक आर्गेनिक मार्केट, 1,600 करोड़ रुपये की खुदरा दुकानों के माध्यम से बिक्री और पारंपरिक उत्पादों के रूप में बेचे जाने वाले आर्गेनिक उत्पादों का अनुमानित मूल्य 6,340 करोड़ रुपये है।
मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज रवनीत सिंह बिट्टू ने राज्यसभा में यह जवाब दिया। वह हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र में लुधियाना से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा के सवाल पर बोल रहे थे। अरोड़ा ने ‘खाद्य उत्पादों के बाजार आकार और विकास दर’ पर प्रश्न किया था।
मंत्री बिट्टू ने बताया कि 2019-20 से 2023-24 की अवधि में संगठित डोमेस्टिक आर्गेनिक मार्केट 17 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि दर से वित्त वर्ष 2019 में 1,800 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 3,340 करोड़ रुपये हो गया। भारत में हेल्थ-ओरिएंटेड फ़ूड प्रोडक्ट्स की वृद्धि दर का डेटा, भारत मूल और विदेशी मूल के खाद्य उत्पादों के आधार पर विभाजन के साथ मिनिस्ट्री ऑफ फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज द्वारा नहीं रखा जाता है। फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार, दावों और विज्ञापनों को रेगुलेट करने के लिए मैकेनिज्म तैनात हैं। फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट, 2006 में प्रावधान है कि किसी भी ऐसे खाद्य पदार्थ का विज्ञापन नहीं किया जाएगा। जो भ्रामक या धोखा देने वाला हो या इस अधिनियम या इसके तहत बनाए गए रूल्स एंड रेगुलेशंस के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो।
मंत्री ने कहा कि मंत्रालय के अंतर्गत एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फ़ूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी अपने सदस्य निर्यातकों, जिनमें आर्गेनिक फ़ूड प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्टर्स भी शामिल हैं, को एक्सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, गुणवत्ता विकास तथा बाजार विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। सांसद अरोड़ा ने भारत में आर्गेनिक तथा हेल्थ-ओरिएंटेड खाद्य उत्पादों के वर्तमान बाजार आकार तथा वृद्धि दर के बारे में पूछा था। जिसमें भारतीय मूल तथा विदेशी मूल के खाद्य उत्पादों के आधार पर विभाजन किया गया है। उन्होंने सरकार द्वारा अपनाए गए मैकेनिज्म के बारे में भी जानकारी मांगी थी।
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