चंडीगढ़ में अब कैपिटल लेटर्स-प्रिंटआउट में दवाई- प्रिस्क्रिप्शन लिखेंगे डॉक्टर्स

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जीएमसीएच के डायरेक्टर प्रिंसिपल प्रो. जीपी थामी

सरकारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल यानि जीएमसीएच-32 ने जारी किया अहम फरमान

चंडीगढ़,, 11 सितंबर। चंडीगढ़ में अब डॉक्टर्स कैपिटल लेटर्स-प्रिंटआउट में दवाई यानि प्रिस्क्रिप्शन लिखेंगे। सरकारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल यानि जीएमसीएच-32 ने यह अहम फरमान जारी किया।
जीएमसीएच प्रशासन ने तर्क दिया कि डॉक्टर्स जैसे रनिंग-स्टाइल में प्रिस्क्रिपशन लिखते है, अमूमन मेडिकल स्टोर वाले दवा के नाम गलत पढ़ लेते हैं। लिहाजा अब डॉक्टर दवाइयां लिखते समय ऐसी लापरवाही नहीं बरत पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल मेडिकल कमीशन के दिशा-निर्देशों को लागू करते हुए संस्थान के डायरेक्टर प्रिंसिपल प्रो. जीपी थामी ने सभी डॉक्टरों को आदेश जारी किए हैं। जिसके मुताबिक अब डॉक्टरों को दवाइयां कैपिटल लेटर्स में लिखनी होगी या फिर टाइप कर प्रिंट देना होगी। यह व्यवस्था मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लागू की गई है।
आदेश के अनुसार सभी विभागाध्यक्षों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके अधीन काम कर रहे चिकित्सक तुरंत इस नियम का पालन करें। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में अहम फैसले में कहा था कि पढ़ने योग्य मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन और रिकॉर्ड मरीज का मौलिक अधिकार है। डॉक्टरों की खराब लिखावट के कारण मरीज और उनके परिजन अक्सर समझ नहीं पाते थे। कई बार मेडिकल स्टोर वाले अंदाजे से दवा दे देते थे और गलत दवा तक मरीज को मिल जाती थी। अदालत ने इसे बड़ी लापरवाही बताया और कहा कि जब डिजिटल सुविधाएं मौजूद हैं तो खराब और ना पढ़ी जाने वाली लिखावट मान्य नहीं होगी।

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