18 सितम्बर – यूपी में पैसे लेकर एक से छह महीने में फर्जी डॉक्टर बनाए जा रहे हैं। दलाल डिग्री दिलाने का दावा कर रहे हैं। कहते हैं- कश्मीर तक के लोग यहां से डिग्री लेकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। 17 मई, 2025 को यूपी के हापुड़ में मोनाड यूनिवर्सिटी के जरिए बड़े पैमाने पर डिग्रियां बेचने का खुलासा हुआ था। चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 1372 डिग्री-मार्कशीट जब्त की गईं। ये हर डिग्री/मार्कशीट के लिए 50 हजार से 4 लाख तक लेते थे। रैकेट बिहार, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान की 15 यूनिवर्सिटी तक फैला था। ये करीब 10 हजार लोगों को डिग्रियां और मार्कशीट बेच चुके हैं। इनमें डॉक्टर–इंजीनियर की डिग्रियां भी हैं।
इस खुलासे के बाद यूपी में डिग्रियां बेचने का धंधा बंद हो गया। फर्जी डॉक्टर डिग्रियां कहां से लाते हैं? कुछ डिग्रीधारी लोगों को विश्वास में लेकर जानकारी ली तो पता चला कि मैनपुरी और आगरा में ऐसा हो रहा है। इन्वेस्टिगेशन की शुरुआत मैनपुरी के करहल कस्बे से की। हमें एक झोलाछाप डॉक्टर से इसकी जानकारी मिली कि बाईपास रोड पर स्थित इंडोकेयर हॉस्पिटल की आड़ में रुपए लेकर डिग्री बांटने का खेल कर रहा है।
