फ्लैट पॉलिसी में कई वादे अधूरे, कोर्ट ने मानी अनियमितताएं, 6 साल पुराने केस में
चंडीगढ़ 11 दिसंबर। यहां जिला कोर्ट ने सैक्टर-51 डी स्थित अजंता कोऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसाइटी लिमिटेड के केस में आरोपियों को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने नोौ पूर्व पदाधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
जानकारी के मुताबिक छह साल पुराने इस मामले में सोसाइटी के पदाधिकारियों पर धोखाधड़ी और ठगी के आरोप लगे थे। जिन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज की गई, उनमें पी. सरवाल, रूपशिखा सिंघानिया, बलबीर कौर, रोमेश कुमार ठुकराल, रणबीर सिंह, प्रभाष चंद सिंघल, शाम सुंदर भारद्वाज, तरलोचन सिंह भाटिया और सुरजीत सिंह बैंस शामिल हैं। साल 2018 में शिकायतकर्ता गुरमुख सिंह लेहल ने सैक्टर-49 थाने में शिकायत दी थी।
इस शिकायत में आरोप था कि सोसाइटी के पदाधिकारियों ने सदस्यों से लिए पैसे का दुरुपयोग किया। जिन सेवाओं के लिए भुगतान किया गया, वे नहीं मिली। सोसाइटी ने बिना पूर्णता और अधिभोग प्रमाण पत्र के फ्लैटों का कब्जा देना शुरू कर दिया था। फायर फाइटिंग सिस्टम के पैसा का दुरुपयोग किया गया। जांच में पता चला कि सिस्टम लगाया गया था, लेकिन उसके कुछ हिस्से चोरी हो गए थे। इसके अलावा, स्विमिंग पूल और अन्य वादे पूरे नहीं किए।
बताते हैं कि सरकारी वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी गबन में शामिल रहे हैं, इनको जमानत मिलने से जांच प्रभावित हो सकती है। इससे पहले, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भी आरोपी रूपन सचदेवा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
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