मोहाली अदालत में लगाई जमानत याचिका, स्टेट क्राइम ब्रांच में दर्ज है केस
मोहाली 13 जनवरी। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का पुलिस कस्टडी में इंटरव्यू कराने के मामले में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह अंडरग्राउंड है। अब आरोपी ने 2024 में दर्ज एक अन्य एफआईआर के मामले में मोहाली जिला अदालत में जमानत याचिका दायर की है।
जानकारी के मुताबिक इस दौरान सरकारी पक्ष की तरफ से अपनी दलीलें पेश की जाएंगी। हालांकि पहले चर्चा थी कि आरोपी डीएसपी विदेश भाग चुका है। हालांकि पंजाब पुलिस की तरफ से उनका एलओसी पहले ही जारी किया जा चुका था। याचिका में गुरशेर सिंह सिद्धू ने मुख्य रूप से दो दलीलें दी हैं। उसका कहना है कि मोहाली के स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर गलत है। बलजिंदर सिंह उर्फ टाहला की शिकायत की जांच मोहाली के तत्कालीन एसएसपी संदीप गर्ग ने की थी। जिन्होंने शिकायत को झूठा पाया था। हालांकि बाद में एफआईआर रोपड़ के एसपी द्वारा जांच के आधार पर की गई थी। जो कि एसएसपी गर्ग से जूनियर हैं। अर्जी में दूसरी दलील है कि लॉरेंस के इंटरव्यू विवाद में भी उन्हें बलि का बकरा बनाया गया।
बर्खास्त डीएसपी गुरशेर के खिलाफ स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन, मोहाली में गंभीर आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज की गई। शिकायत में आरोप है कि डीएसपी रहते हुए संधू ने अपने कार्यकाल के दौरान भोले-भाले लोगों को निशाना बनाया और फर्जी शिकायतें दर्ज करवा कर उनसे जबरन समझौता कराया। इस प्रकरण में बलजिंदर सिंह उर्फ टाला ने अपनी जान के खतरे की आशंका जताते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
जिसमें आरोप लगाया गया कि डीएसपी संधू ने उससे शिकायतें दर्ज करवाई और फिर पीड़ितों से समझौता कराकर पैसे वसूले। विजिलेंस विभाग भी मामले की अलग से जांच कर रहा है और अफसरों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। आखिर कैसे ये शिकायतें डीएसपी को मार्क होती रहीं और कैसे समझौते के नाम पर फाइल कर दी गईं।
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