चंडीगढ़ में वाहनों के रिकॉर्ड चालान के मुद्दे पर लोकसभा में हुई चर्चा

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सिटी-ब्यूटीफुल ‘चालान-गढ़’ के नाम से चर्चित होने का मुद्दा उठाया चंडीगढ़ के एमपी मनीष तिवारी ने

चंडीगढ़, 7 अगस्त। पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ को वाहनों का चालान का गढ़ भी कहते हैं। यहां रोजाना सीसीटीवी कैमरों से हजारों चालान होते हैं। आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2023 साढ़े 9 लाख वाहनों के चालान हुए थे। वहीं चंडीगढ़ में ट्रैफिक चालान का मुद्दा अब संसद तक पहुंच गया है।

जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ के कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि शहर की ऐसी स्थिति बन गई है कि लोग चंडीगढ़ को चालान-गढ़ कहने लगे हैं। वहीं सिटी-ब्युटीपुल की ट्रैफिक पुलिस पर आरोप लगते रहे हैं कि दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों के पुलिस बेवजह चालान काटती है। दूसरी तरफ चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार ने साफ निर्देश दिए हैं कि ट्रैफिक पुलिस किसी वाहन को नहीं रोकेगी। केवल उन्हीं वाहनों का चालान किया जाएगा, जो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करेंगे, फिर चाहे वह वाहन चंडीगढ़ का हो या किसी अन्य राज्य का। यह फैसला लगातार मिल रही शिकायतों के बाद लिया गया है। जिसमें ट्रैफिक पुलिस पर बेवजह रोकने और रिश्वत मांगने के आरोप लगे थे।

दूसरी तरफ चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने संसद में इंटिग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम के चालू होने के बाद 2019 से 2025 के बीच कितने वाहनों का चालान किया गया है, इस पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एआई के आने से चालान की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। चंडीगढ़ पुलिस ने अब यह सुनिश्चित करने की पहल की है कि अत्यंत गंभीर परिस्थितियों को छोड़कर वाहनों का मैनुअल चालान ना किया जाए।

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