पटियाला रोड पर एसबीपी प्रोजेक्ट में से सड़क पर गिराया जा रहा सीवरेज का गंदा पानी, राहगीर हो रहे हैं परेशान 

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सीवरेज का पानी सड़क पर गिराने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

 

जीरकपुर  06 April : पटियाला हाइवे पर स्थित पेट्रोल पंप के नजदीक एक बड़े प्रोजेक्ट एसबीपी द्वारा सीवरेज का गंदा पानी पंप लगाकर सड़क पर गिराया जा रहा है। लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए सड़क किनारे लोहे की चदरें लगाकर दीवार बना रखी है और चदरों के नीचे से सीवरेज का गंदा पानी हाईवे की तरफ छोड़ा जा रहा है, जिस कारण हाइवे के साथ लगती सर्विस रोड पूरी तरह पानी से भर चुकी है। जिस कारण लोगों का यहां से निकलना मुश्किल हो चूका है। एक तो सड़क पर पानी भर गया और दूसरा पुरे एरिया में बदबू फैल गई है। बता दें कि इस सड़क से भारी संख्या में वाहन आते जाते है क्योंकि इस रोड पर कई सोसायटीयां व कमरशीयल गोडाउन भी मौजूद है। जिनके वाहन लगातार बड़ी संख्या में यहां से निकलते हैं। पानी भरने के कारण आलम यह है के बड़े वाहन के नजदीक से जब कोई दो पहिया वाहन गुजरता है तो गंदे पानी के छिंटे पड़ने से लोगों के कपड़े खराब हो रहे हैं और अचानक पानी गिरने आए हादसों का कारण भी बन रहा है। जिसके चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है यहां पर एक बड़ा सवाल यह उठता है कि करोड़ों रुपए लगाकर बनाए ऐसे बड़े प्रोजेक्ट से सीवरेज का गंदा पानी सड़क पर क्यों गिराया जा रहा है? क्या इतने बड़े प्रोजेक्ट द्वारा सीवरेज के पानी की निकासी के ठोस प्रबंध नहीं किए गए? क्या बिल्डर द्वारा इतने बड़े प्रोजेक्ट में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाया गया ? ऐसे कई ओर भी सवाल पैदा होते हैं जो बिल्डर कि लापरवाही बयान करता है। जबकि स्थानीय लोगों कि मांग है के ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें के ऐसे खुले में सीवरेज गिराने की मनाही है और ऐसा करने वाले लोगों खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश भी प्रसाशन द्वारा निकाले है। लेकिन अब देखना होगा के प्रसाशन ऐसे लोगों खिलाफ क्या कार्रवाई करता है।

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इस मामले संबंधी बात करने के लिए जब एसबीपी के अमन सिंगला उनका पक्ष जानने के लिए शम के 5:55 मिनट पर को फोन किया गया तो उनका फोन निरंतर स्विच ऑफ आ रहा था।

 

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किसी भी बड़े बिल्डर या किसी आम व्यक्ति द्वारा सड़क पर सीवरेज का पानी नहीं गिराना चाहिए। अगर यहां पर सीवरेज का गंदा पानी सड़क पर गिराया जा रहा है तो हम चेक करके सोमवार को नोटिस निकाल देंगे और बनती कार्रवाई बिल्डर व सबंधित व्यक्ति खिलाफ की जाएगी।

 

सवनीत सिंह जेई, नगर कौंसिल जीरकपुर।

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राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्तायुक्त एवं गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने सभी उपायुक्तों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर हाईटेक होंगे रजिस्ट्री कार्यालय चंडीगढ़, 8 अप्रैल- हरियाणा की राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने प्रदेश के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा विभाग से संबंधित बजट अभिभाषण में की गई घोषणाओं पर ततपरता से कार्य करें और हर 15 दिन में अपने स्तर पर समीक्षा बैठक कर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजें। डॉ. मिश्रा आज चंडीगढ़ में प्रदेश के सभी उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फरेंसिंग के माध्यम से बैठक कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य के भू रिकॉर्ड के अपडेशन का कार्य अगस्त, 2025 तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वे स्वयं हर 15 दिन में प्रदेश के सभी उपायुक्तों के साथ वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक करेंगी। विभाग के रजिस्ट्री कार्यालयों को पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज पर हाईटेक किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भूमि की पैमाइश अब जरीब की बजाय रोबोट के माध्यम से की जाएगी, इसकी घोषणा भी बजट में की गई है। सभी उपायुक्त बजट घोषणाओं को पूरा करने के लिए एक टास्क फोर्स गठित करें। मुख्यमंत्री द्वारा उपमंडल, तहसील व उप तहसीलों के नए भवन बनाने के लिए की गई मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए। डॉ. मिश्रा ने कहा कि दीक्षित कमेटी द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर उत्तर प्रदेश व हरियाणा सीमा पर पिलर लगाने के लिए कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों को ऐसी ज़मीन या संपत्ति जो सरकार के स्वामित्व में हो, लेकिन इसे सीधे राज्य संपत्ति के तौर पर प्रशासित न किया जाए, बल्कि पट्टे या लाइसेंस पर दी जाए। उन्होंने नजूल भूमि का स्वामित्व सरकार के पास होता है, लेकिन इसका इस्तेमाल आम तौर पर पट्टे या लाइसेंस के माध्यम से किया जाता है, की भी जानकारी मांगी। उन्होंने बैठक में निर्देश दिए कि रबी फसल वर्ष 2025 के दौरान प्रदेश के 15 जिलों में ओलावृष्टि से हुए नुकसान पर क्षतिपूर्ति पोर्टल पर मुआवजे की जानकारी 15 अप्रैल, 2025 तक अपलोड की जाए। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी से बचाव एवं हीट वेव के बचाव के तहत जो सावधानियां बरती जा सकती है, उस बारे प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए।