महिला दिवस पर स्टॉक एक्सचेंज में कार्यरत दिव्यांग सुरिंदर कौर ने दिया संदेश, संघर्ष करेगी, तभी नारी आगे बढ़ेगी
लुधियाना 8 मार्च। नामवर शायर मिर्जा गालिब ने अशआर का एक मिसरा सुरिंदर कौर की जिंदगी पर वाकई सच साबित होता है। एक पैर लकवाग्रस्त होने के बावजूद इस युवती ने समाज में संघर्ष कर आत्मनिर्भर बनने की नायाब मिसाल कायम की है। वाकई सुरिंदर कौर महिला दिवस पर आधी आबादी के लिए एक बड़ा संदेश देती नजरर आती हैं।
होशियारपुर की रहने वाली सुरिंदर फिलहाल लुधियाना के स्टॉक एक्सचेंज में जॉब करती है। दिव्यांग होने के बावजूद खुद को कतई कमजोर नहीं मानती हैं। उन्होंने ग्रेजुएशन करने के बाद खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नौकरी की। भले ही परिजन उनकी हरसंभव मदद को तैयार थे। सुरिंदर बताती हैं कि जिंदगी में संघर्ष कभी नहीं छोड़ना चाहिए। महिला दिवस पर उन्होंने जज्बाती होने के बावजूद महिलाओं, खासकर अपने जैसी लड़कियों को यही संदेश दिया कि लड़ो और आगे बढ़ो।
सुरिंदर मानती हैं कि लड़कियों को कभी भी खुद को बेचारी, लाचार जैसा नहीं मानना चाहि। नारी तो माता गुजरी, रानी लक्ष्मी बाई का रुप होती है। जो मुसीबत के वक्त समाज से लड़ने का दम रखती है। लुधियाना स्टॉक एंड कैपटिल के चेयरमैन टीएस थापर और अश्वनी अग्रवाल को भी इस बात का श्रेय जाता है। जिन्होंने आधी आबादी, खासकर दिव्यांग महिलाओं-युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जॉब देने के लिए गंभीर प्रयास किए।