बीजेपी उम्मीदवार बनते ही किया था दावा बिट्टू ने, भूतपूर्व सीएम तो उनकी विरासत
नदीम अंसारी
लुधियाना 9 मई। इस लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू अपने दावों-बयानों से दिलचस्प माहौल बना देते हैं। चुनाव घोषित होने के बाद भी वह बीजेपी के खिलाफ ठोककर बयान देते रहे। फिर एकाएक सियासी-यूटर्न मार बीजेपी में चले गए। भाजपा में जाते ही दावा करते इलजाम लगाया कि कांग्रेस ने उनके दादा व भूतपूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की शहादत का पूरी तरह सम्मान नहीं किया।
तीन बार सांसद रह चुके रवनीत बिट्टू ने भाजपा प्रत्याशी बनते ही बड़े-बड़े होर्डिंग लगवाए तो उनमें सबसे ऊपर उनके स्वर्गीय दादा जी बेअंत सिंह की तस्वीर भी लगी थी। इस पर सियासी-प्रतिक्रियाएं मिली तो बिट्टू ने बड़ा और विवादित बयान दागा था कि उनके दादा बेअंत सिंह ने कांग्रेस के लिए शहादत नहीं दी थी। लिहाजा कांग्रेस उनको सिर्फ अपनी विरासत नहीं बता सकती है।
खैर, कांग्रेसी भी इस मुद्दे पर शायद यही सोचकर खामोश हो गए कि बिट्टू खून का रिश्ता होने की वजह से जज्बाती तौर पर बेअंत सिंह पर पूरा हक जता सकते हैं। अब जरा गौर करें, वीरवार को बीजेपी उम्मीदवार बिट्टू के नामाकंन दाखिल करने संबंधी पोस्ट सोशल मीडिया में सामने आई। बाकायदा भाजपा जिला प्रधान रजनीश धीमान की ओर से यह पोस्ट डाली गई। जिसमें जनता को नामांकन में पहुंचने का निमंत्रण देते भावुक अपील की गई। इस पोस्टरनुमा पोस्ट में वरिष्ठ भाजपा नेताओं की तस्वीरें लगी हैं। हद ये कि पीएम मोदी की दो-दो तस्वीरें लगाई गईं। जबकि प्रत्याशी बिट्टू के दादा व भूतपूर्व सीएम बेअंत सिंह की तस्वीर दूर तक कहीं नजर नहीं आई।
अब सियासी-हल्कों में खासतौर पर कांग्रेसी इस पर चुटकी ले रहे हैं। कोई कह रहा है कि क्या पोस्टर बिट्टू की सहमति से बना है। अगर ऐसा है तो फिर क्या बिट्टू ने अपना स्टैंड फिर से बदल लिया। अगर ऐसा नहीं है तो क्या भाजपा जिला कमेटी को यह आशंका लगी कि बिट्टू ने बेअंत सिंह की तस्वीर होर्डिंग पर लगवाने का फैसला गलत लिया था। लिहाजा बीजेपी ने इस मामले में अपने प्रत्याशी पर पार्टी का फैसला थोपते हुए ताजा पोस्टर (पोस्ट) से बेअंत सिंह का ‘अंत’ कर दिया। वैसे तो इस पोस्टर के बाद एक और पोस्ट बीजेपी जिला प्रधान की ओर से डाली गई। जिसमें भाजपा का पक्ष तो गीत के जरिए सामने आ गया। जिसके बोले हैं कि अस्सी हां मोदी दा परिवार, अबकी करांगे चार सौ पार। मतलब साफ है कि बिट्टू चाहे जो दावे करें या अपने होर्डिंग में दादा की तस्वीर लगवाएं, मगर भाजपा का स्टैंड क्लियर है। मतलब यह कि बिट्टू को भी पार्टी-लाइन पर ही चलना होगा। उनको भी सिर्फ यही गीत चुनाव निपटने तक गाना ही पड़ेगा कि वो मोदी के परिवार से हैं।