क्या लुधियाना में बैडमिंटन एसोसिएशन को भी दूसरे खेलों की तरह लगा सियासी-रोग, खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर

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गड़बड़ियों की शिकायत जिला-निगम प्रशासन ने लिया था एक्शन, फिलहाल शास्त्री बैडमिंटन हॉल सील

लुधियाना, 27 अगस्त। क्रिकेट, कुश्ती और दूसरे खेलों की तर्ज पर पंजाब में बैडमिंटन एसोसिएशन को भी ‘सियासी-रोग’ लग गया था। जो ऊपर से नीचे की तरफ उतरा तो सरकार द्वारा संचालित लुधियाना बैडमिंटन एसोसिएशन के समानांतर एक गुट ने प्राइवेट एसोसिएशन बना ली थी।
निजी एसोसिएशन की आड़ में कथित तौर गंभीर गड़बड़ियां हुईं तो खिलाड़ियों, उनके पेरेंट्स और सरकारी-एसोसिएशन से जुड़े ओहदेदारों ने शिकायतें की। नतीजतन, जिला प्रशासन ने चंद दिनों पहले नगर प्रशासन को निर्देश दिए थे। मंगलवार को बड़ी कार्रवाई कर शास्त्री बैडमिंटन हॉल पर डिप्टी कमिशनर हिमांशु जैन के आदेश पर हॉल को ताला जड़ दिया गया। जिसके चलते वहां पर ना तो गेम्स खेले जा सकेंगे। नगर निगम डीसी ने कहा था कि हॉल को केवल दो दिनों के लिए अस्थायी रूप से बंद किया है। इसकी सुरक्षा जांच और मरम्मत कार्य जरूरी था, इसलिए सील किया। खिलाड़ियों की प्रैक्टिस का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने खिलाड़ियों व उनके पेरेंट्स से अपील में दावा किया था कि जल्द ही एक योग्य कोच की नियुक्ति और पारदर्शी प्रबंधन व्यवस्था लागू होगी।
पेरेंट्स चिंतित तालाबंदी के बाद :
इस मामले में खिलाड़ियों के कई पेरेंट्स में शामिल सुनील तिवाड़ी में हॉल में तालाबंदी से चिंतित हैं। 1970 के दशक में बना यह अत्याधुनिक स्टेडियम, जो प्रतिदिन करीब 400 खिलाड़ियों को सेवा प्रदान करता है, तकनीकी तौर पर निगम के स्वामित्व में है।वे चाहतें हैं कि प्रशासन व सरकार घोटाले करने वालों पर सख्त एक्शन ले। इस तरह हॉल को बंद ना किया जाए।
सीलबंद हॉल में रेनोवेशन हो ही नहीं रहा : दीवान
लुधियाना कांग्रेस शहरी जिला कमेटी के पूर्व प्रधान पवन दीवान अपने साथियों व खेल प्रेमियों के साथ बुधवार को शास्त्री हॉल पहुंचे। उन्होंने सवाल किया कि सीलबंद हॉल में तो फिलहाल तक कोई रोनेवेशन नहीं हो रहा। हकीकत में एसोसिएशन की गुटबाजी व करप्शन रोकने को इसे सील किया। जब तीन दिन पहले निगम ने हॉल के बाहर पोस्टर लगाए थे। जिसमें लिखा कि कोई भी प्लेयर गेम्स खेलने के लिए किसी को पैसे नहीं देगा। जाहिर है, जिला और निगम प्रशासन घपले करने वालों के चलते ‘इनडाइरेक्ट-एकएशन’ ले रहा है। जबकि सूबे की आप सरकार को सीधे दखल देकर सख्त कार्रवाई करानी चाहिए। खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर ना लगाया जाए।
कुमरिया बोल, वह कोई कमेंट नहीं करना चाहते :
समानांतर बनी जिला लुधियाना बैडमिंटन एसोसिएशन में जनरल सेक्रेटरी अनुपम कुमरिया अरसे से विवादों में हैं। इसके बावजूद वह पंजाब बैडमिंटन एसोसिएशन के ट्रेजरार बने। उन पर आरोप लगे थे कि वह एसोसिएशन चला रहे थी। जिसकी आड़ में प्लेयर्स और उनके पेरेंट्स से डोनेशन के नाम पर अवैध वसूली की जा रही थी। साल में बनी एसोसिएशन पर तब से घोटाले के आरोप लगते रहे हैं। उन पर घर के पते पर एसोसिशन चलाने के इलजाम लगे थे। खिलाड़ियों से मिली व डोनेशन उनके निजी बैंक खाते में जमा होती थी। तब से पंजाब में अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकार रहीं। फिर भी घोटाले की जांच नहीं हुई। अब देखना होगा, आप सरकार क्या एक्शन लेती है। चर्चाओं के मुताबिक पिछली सरकारों में एक मंत्री और कई रसूखदार नेताओं का उनको संरक्षण रहा। इस मामले में संपर्क करने पर कुमरिया ने अपना पक्ष रखने की बजाए कमेंट करने तक से इंकार कर दिया। वहीं कई बार कॉल करने के बावजूद एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मोहिंदर सिंह गरेवाल से संपर्क नहीं हो सका।
दोहरी आईडी से खेलने वाले ढंड के दावे पर भी लगा है बड़ा सवालिया निशान :
कभी कुमरिया के नजदीकी रहे बैडमिंटन खिलाड़ी अरुण भी विवादों में हैं। ढंड पर दो स्पोर्टस आईडी बनवाने के आरोप लगे थे। पंजाब बैडमिंटन एसोसिएशनि के जनरल सेक्रेटरी रितिन खन्ना ने अरुण ढंड पर गलत जन्म तिथि बता दो आईडी कार्ड बनवाने के आरोप लगाए गए थे। हालांकि कुछ समय बाद आरोप वापिस ले लिए थे। लगे हाथों थाईलैंड में होने वाली सीनियर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में उन्हें हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था। गत दिनों ढंड ने तर्क दिया था कि साल 2017 में यह विवाद निपट गया था। जबकि
जिसे लेकर चर्चा छिड़ी है कि क्या पीबीए के अधिकारी बिना देखें ही नोटिस जारी कर देते हैं। जबकि इसी साल 31 मई को पंजाब बैडमिंटन एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी रितिन खन्ना ने इस मामले में ढंड को चिट्ठी लिख स्पष्टीकरण मांगा था। ऐसे में चर्चा है कि पीबीए और ढंड में से कौन सही है। चर्चा यह भी हथी कि ढंड ने खुद को बैडमिंटन प्लेयर बता स्पोर्ट्स कोटे में कस्टम विभाग में भी नौकरी की और फिर प्री मच्योर रिटायरमेंट ले लिया था। उधर, चर्चा है कि अभी कुछ समय पहले ही अनुपम कुमरिया ने नाम बदलकर एक और फर्जी प्राइवेट एसोसिएशन बना ली थी।

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जिला जनसंपर्क अधिकारी कार्यालय , अमृतसर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए डिप्टी कमिश्नर अमृतसर टीमों के साथ मौके पर पहुंचे पूरा प्रशासन सभी पीड़ितों की मदद में जुटा हुआ है। एनडीआर एफ टीमें भी मौके पर पहुंच गईं।