चंडीगढ़ 30 जनवरी। गैंगस्टर लॉरेंस के पंजाब पुलिस की कस्टडी में हुए इंटरव्यू मामले की जांच आगे भी डीजीपी प्रबोध कुमार ही करेंगे। जिस पर डीजीपी ने अपनी सहमति दे दी है। पंजाब एंड हरियाणा में केस की सुनवाई के दौरान सरकार ने जानकारी दी। हालांकि वह 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। सरकार ने बताया कि उसके पास सिर्फ एक ही डीजीपी केंद्र सरकार का इंपैनल है। जबकि शेष एडीजीपी के तौर पर इंपैनल है। हाईकोर्ट ने कहा कि डीजीपी प्रबोध कुमार ने अब तक बढ़िया जांच की है। अदालत ने सुनवाई दौरान डीजीपी प्रबोध कुमार को डेढ़ लाख रुपए महीना अदायगी। जिस भी एंगल पर जांच करना चाहते हैं, वह जांच कर सकते हैं।
SIT ने इंटरव्यू से उठाया था पर्दा
मामले की जांच में एसआईटी अहम भूमिका है। क्योंकि जब यह मामला सामने आया था तो दावा किया गया था कि इंटरव्यू पंजाब की किसी जेल में नहीं हुआ था। इसके बाद जैसे ही एसआईटी ने जांच तेज की तो पता चला कि एक इंटरव्यू सीआईए खरड़ बिल्डिंग में और दूसरा राजस्थान में हुआ था। यहां एसएचओ के कमरे को स्टूडियो बना दिया गया था। इंटरव्यू के लिए वाईफाई समेत तमाम इंतजाम किए गए थे। इसके बाद कोर्ट ने डीएसपी समेत छह लोगों को सस्पेंड कर दिया था। हालांकि डीएसपी ने खुद को बेकसूर बताया था। उसने खुद को बलि का बकरा बताया था। वहीं गैंगस्टर अब गुजरात की जेल में बंद है। जबकि फरीदकोट की जिला कोर्ट ने उसे एक नहीं तीन पुराने रंगदारी के मामलों में बरी कर दिया है।