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आई वॉश के बावजूद हंगामें के साथ समाप्त हुई सतलुज क्लब की AGM

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Ludhiana 18 Aug : शहर के प्रतिष्ठित सतलुज क्लब की एनुअल जनरल बैठक खूब हंगामेंदार रही। क्लक के मैंबर्स की ओर से इस एजीएम में पूछे गए सवाल मौजूदा क्लब एग्जिक्यूटिव को घेरते दिखाई दिए। करीब डेढ़ साल के बाद हुई इस एजीएम में भले ही क्लब की प्रेसीडेंट व शहर की डिप्टी कमिश्नर साज्ञी साहनी शामिल नहीं हुई, लेकिन उनकी ओर से एसडीएम ईस्ट विकास हीरा को इस मीटिंग की अगुवाई को भेजा गया। इस दौरान पिछले एक साल में क्लब परिसर में करवाए गए नए कार्यो की जानकारी दी गई, वहीं वरिष्ठ सदस्यों की ओर से सुझावों के साथ कई खामियों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इस मीटिंग में दर्जनों सवाल मैंबर्स की ओर से पूछे गए, लेकिन सवालों पर मौजूदा क्लब टीम खूब घिरती दिखाई दी। मीटिंग में क्लब मैंबर मेजर भंब व उनके साथ कुछ अन्य मैंबर्स ने बिना टेंडर के क्लब में खायबर रेस्टोरेंट व क्लब बिस्तरो की अपग्रेडशन पर 25 से 30 लाख रुपए कैसे खर्च किए गए, इस पर सवाल पूछा गया। भंब का कहना था कि आखिर बिना टेंडर के लाखों रुपए आखिर कैसे खर्च कर दी गई। इस पर क्लब के पूर्व महासचिव संजीव ढांड़ा ने इस सवाल को ओर आगे बढ़ाते कहा कि उनके कार्यकाल में भी इन जगहों पर नया रेस्टोरेंट या प्राेजेक्ट लाने का प्लान था, लेकिन तब तत्कालीन डिप्टी कमिश्रर वरिंदर शर्मा को भेजी गई इस प्रपोजल पर उन्हें ये रिमार्क दिया था कि क्लब अपनी तरफ से किसी भी रेस्टोरेंट या प्रोजेक्ट पर 15 लाख रुपए खर्च नहीं करेगा और अगर किसी को ये जगह रेस्टोरेंट के लिए देनी है तो किराया फीस के अलावा ये लागत किश्तों में वसूली जाए। ढांड़ा ने कहा कि ये पूर्व डीसी का ये ओब्जेक्शन साफ साफ फाइल पर है, लेकिन इसके बावजूद उनकी इर रिकेमडेशन को किनारे कर सबको गुमराह कर लाखों रुपए खर्च कर दिया गया। जबकि मौजूदा क्लब महासचिव डा. अजीत चावला इस संबंधी कोई जानकारी न होने की बात कह मामले से बचते दिखाई दिए। इस पर एसडीएम ईस्ट विकास हीरा ने इस मामले की इंक्वायरी करवाने की बात कही और कहा कि ये मामला गंभीर है। क्लब की मौजूदा साल 2023-24 की प्रोविजिनल सालाना वित्तीय रिपोर्ट में 3.3 करोड़ का प्रोफिट दिखाया गया था, लेकिन मैंबरों ने सवाल करते कहा कि ये प्रॉफिट मैंबर्स की वालिएंटरी सरेंडर फीस जो की करीब 4.30 करोड़ रुपए को जोड़ कर दिखाया जा रहा है, लेकिन ये सरेंडर फीस क्लब का प्रॉफिट नहीं है और ऐसे में ये निकाल कर क्लब 1.27 करोड़ रुपए के घाटे में हैं। क्लब के पूर्व महासचिव डा. रोहित दत्ता ने सुझाव देते कहा कि बजट में इस घाटे के लिए जबावदेही तय की जानी चाहिए और क्लब को घाटा न हो इसके लिए क्लब की एगजिक्यूटिव से ये घाटा वसूला जाना चाहिए। उन्होंने इसके साथ साथ क्लब एग्जीक्यूटिव व उनके परिवारों की ओर से बिना फीस दिया क्लब की सहूलियतों का इस्तेमाल करने पर भी सवाल उठाया और कहा कि ये परंपरा पूरी तरह से बंद होनी चाहिए। जिस पर एसडीएम हीरा ने इसे सही बताया और कहा कि इसे भी अमल में लाया जाना चाहिए। वहीं क्लब के पूर्व जरनल सेक्रेटरी जीएस कैरो ने भी सवाल उठाते कहा कि क्लब की ओर से हर महीने आउटसोर्स पर तीन तीन सिक्योरिटी गार्ड खडे़ करने का फैशन बना लिया गया है, जबकि ये काम क्लब अपने इंप्लाइज के जरिए भी करवा सकता है और इस डयूटी को करने वाले मुलाजिम को अगर हर वेतन के अलावा दो से तीन हजार रुपए अतिरक्त दे दिया जाए, तो क्लब हजारों रुपए के खर्च से बच सकता है। इस पर भी हीरा ने कहा कि मौजूदा टीम को खर्च कम करने की प्लानिंग बनानी चाहिए।

 

 

 

टर्म खोलने का सवाल आया एजीएम में

 

इस मीटिंग में मिस्टर धवन डीके इलेक्ट्रानिक वाले, हरीश कौड़ा व अन्य की ओर से क्लब में चुनाव लड़ने को तय की गई टर्म खोलने का भी सवाल इस एजीएम में लाया गया। जिस पर एसडीएम हीरा ने टर्म खोलने पर किसी भी तरह के फैसले पर जबाव नहीं दिया, लेकिन उन्होंने साफ किया वे इस मामले को डीसी मैडम से डिस्कस जरुर करेंगे। डा. राेहित दत्ता ने क्लब में मैंबर की पारिवारिक ट्रांसफर फीस को पक्के तौर पर एक लाख रुपए करने की बात कही। उन्होंने कहा कि नजदीकियों को फायदा देने के लिए इस महीना वाइज ने किया जाए, अगर करना है तो इसे पक्का एक लाख रुपए किया जाए। इस बात पर एसडीएम हीरा भी सहमत दिखाई दिए।

 

 

क्लब के आयोजनों पर लाखों रुपए खर्च पर भी उठे सवाल

 

मीटिंग में क्लब के सीनियर मेंबर सिकंदर शिंगारी ने एजीएम में सवाल करते कहा कि क्लब में होने वाली नाइट के लिए 50-50 लाख रुपए खर्च कर दिया जाता है, जबकि इस में कलाकार 5 लाख रुपए का भी नहीं होता। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं क्लब के ऐसे अधिकतर फंक्शन में क्लब का 200 मेंबर भी नहीं होता और चहेतों को खुश करने के लिए बाहरी लोगों को हजारों कार्ड बांट दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी भी पूरी जांच होनी चाहिए। इसी सवाल के बाद एक ओर बात सामने आई कि ऐसे प्रोग्रामों में क्लब के एग्जीक्यूटिव को दो दो हजार के बाउचर खाने पीने के लिए दे दिए जाते हैं, जो पूरी तरह से गलत है। एसडीएम हीरा ने इस सिस्टम को पूरी तरह से बंद करने को कहा , जिस पर महासचिव डा अजीत चावला ने कहा कि दो दो हजार के बाउचर वाला सिस्टम आगे से बंद होगा।

 

 

 

​ढांडा ने पूछा लाॅबी में फाइनांस सेक्रेटरी का किस कैपेस्टी में लगा बोर्ड

 

​एजीएम में संजीव ढांड़ा ने सवाल खड़ा करते कहा कि क्लब के इतिहास में अभी तक क्लब की लॉबी या एंट्री पर क्लब प्रेसीडेंट, महासचिव व वाइस प्रधान का बोर्ड लगता आया है, लेकिन मौजूदा फाइनांस सेक्रेटरी ध्रुव अग्रवाल ने आखिर किस कैपेस्टी ये बोर्ड लगाया है। मीटिंग में चहेते इंप्लाइज की सैलरी बढ़ाए जाने का सवाल भी गर्मााता दिखा। मैंबर्स का कहना था कि क्लब में चहेतों की दो से पांच हजार तक सैलरी बढ़ा दी गई। इस पर ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि कुछ इंप्लाइज के इंक्रीमेंट लगाए गए हैं। जिस पर जीएस कैरो ने कहा कि क्लब के पक्के इंप्लाइज जो 20-20 साल से काम कर रहे हैं, उनका कोई इंक्रीमेंट नहीं लगा, ब्लकि कच्चे व टैंपरेरी इंप्लाइज को ये फायदे दे दिए गए।

 

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वित्तिय स्थिति को लेकर वित्त सचिव ध्रुव अग्रवाल की ओर से सदस्यों को जानकारी दी गई। इस दौरान उन्होंने बताया कि क्लब में विभिन्न विकास कार्यो पर 2.5 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसमें स्पोर्टस में जिम, बैडमिंटन, आल वेदर स्वीमिंग पूल, स्नूकर, टेबल टैनिस, मेस में खायबर रेस्टोरेंट, क्लब बिस्तरो अपग्रेडेशन की गई। इसके साथ ही बार को 60 लाख रुपए की लागत से अपग्रेड किया जा रहा है। इसी प्रकार सोलर प्लांट के लिए 100 केवी का इंस्टाल किया गया है।

 

इसके साथ ही क्लब की एफडी में 2.50 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान परिवार में ही सदस्यता बदलाव की फीस को 2.50 लाख से एक लाख करने, कारपोरेट को जनरल कैटागिरी में बदलने की फीस 2.50 से 1.50 लाख करने, सरचार्ज को समाप्त करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान कई सुझावों के साथ समस्याओं पर विस्तार से सदस्यों ने चर्चा की।

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