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डेरा ब्यास के मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने अपने उत्तराधिकारी बनाए जसदीप सिंह गिल

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उत्तराधिकारी को बतौर गुरु नाम देने का अधिकार भी सौंपा, काफी समय से डेरा मुखी की सेहत खराब

अमृतसर 2 सितंबर। यहां ब्यास में स्थित डेरा राधा स्वामी के मुखी गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने अपना उत्तराधिकारी चुन लिया है। उन्होंने जसदीप सिंह गिल को अपना उत्तराधिकारी बनाया है। उनको बतौर गुरू नाम देने का भी अधिकार भी सौंप दिया।

जानकारी के मुताबिक कई साल पहले बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को कैंसर डिटेक्ट हुआ था। उस दौरान उनका लंबा इलाज चला था। अब डेरा मुखी हृदय रोग से भी पीड़ित बताए जाते हैं। डेरा ब्यास का देश-दुनिया में बहुत बड़ा प्रभाव माना जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कई बड़े नेता यहां पर आ चुके हैं।

बताते हैं कि उत्तराधिकारी के संबंध में सभी सेवादार इंचार्जों को भेजे पत्र में कहा गया कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास के संरक्षक बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने सुखदेव सिंह गिल के पुत्र जसदीप सिंह गिल को राधा स्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी का संरक्षक मनोनीत किया है। वे सोमवार 2 सितंबर से तत्काल प्रभाव से संरक्षक के रूप में उनका स्थान लेंगे। जसदीप सिंह गिल, राधा स्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी के संत सतगुरु के रूप में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों का स्थान लेंगे और उन्हें नाम दीक्षा देने का अधिकार होगा।

इस बारे में बाबा गुरिंदर ढिल्लो ने अपने संदेश में कहा कि जिस प्रकार हुजूर महाराज जी के बाद उन्हें संगत का भरपूर सहयोग व प्यार मिला है। उसी प्रकार उन्होंने यह भी इच्छा व अनुरोध किया है कि जसदीप सिंह गिल को भी संरक्षक व संत सतगुरु के रूप में उनकी सेवा निभाने में वही प्यार और स्नेह दिया जाए। राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरे की स्थापना बाबा जैमल सिंह ने 1891 में की थी। इसका उद्देश्य लोगों को धार्मिक संदेश देना है। यह संस्था दुनिया के 90 देशों में फैली हुई है, जिसमें यूएसए, स्पेन, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, अफ्रीका समेत दूसरे कई देश शामिल हैं। डेरे के पास 4 हजार एकड़ से भी ज्यादा जमीन है। जिसमें करीब 48 एकड़ का लंगर हॉल है।

गौरतलब है कि डेरे में श्रद्धालुओं के रहने के लिए सराय, गेस्ट होस्टल और शेड हैं। डेरे में लोगों के मुफ्त इलाज के लिए 3 अस्पताल भी बनवाए हैं। डेरे से 35 किलोमीटर के घेरे में रहने वाले लोगों के इलाज के लिए मुफ्त सुविधा भी है।

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