पंजाब/यूटर्न/9 दिसंंबर: पछतावे की सेवा कर रहे अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाला नारायण सिंह चौड़ा को पंथ से छेकने (पंथ निकाला) की मांग रख दी है। बैठक के बाद एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने पुलिस के रवैये को नकारात्मक बताया। उन्होंने कमेटी बना कर आदेश दिया है पूरे षडयंत्र की 3 हफते में जांच रिपोर्ट पेश की जाए। एडवोकेट धामी ने कहा कि नारायण सिंह चौड़ा ने सुखबीर सिंह बादल पर हमला किया ये निंदनीय है। कमेटी ने फैसला किया कि नारायण सिंह चौड़ा को पंथ से छेक दिया जाए। इस हमले के साथ गोल्डन टेंपल की डियोढी पर गोली लगी है। ये श्री अकाल तखत साहिब की तोहीन है। अंतरिम कमेटी महसूस करती है कि संगत में डर का माहौल पैदा हुआ है। अंतरिम कमेटी ये भी महसूस करती है कि ये एक गहरी साजिश का नतीजा है। इसलिए अन्य दोषियों की पहचान के लिए मामले की जांच करनी चाहिए। इस लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो तीन हफते में अपनी रिपोर्ट पेश करें। इस कमेटी के कोआर्डिनेटर प्रताप सिंह होंगे।
पुलिस का रवैया रहा नेगेटिव
एडवोकेट धामी ने कहा कि इस जांच के दो पक्ष है। सरकार का पक्ष नाकारात्मक रहा है। एक व्यक्ति जो 20 साल से सरकार में सेवा निभा रहा है, वे पारिवारिक बन जाता है। उसकी सतर्कता ने घटना रोक ली। सरकार इसे पुलिस की मुस्तैदी बता रही है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस कमिश्नर का बयान आता है कि ये सिंपथी के लिए तो नहीं किया गया। यही कारण है कि एसजीपीसी अपने स्तर पर जांच करना चाहती है।
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