चंडीगढ़ 9 नवंबर। दिल्ली में सुबह से ही गंभीर वायु संकट छाया हुआ है, शहर का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 390 के आसपास रहा। दरअसल, आधे से ज़्यादा निगरानी केंद्रों 39 में से 20 से ज़्यादा ने एक्यूआई मान 400 या उससे ज़्यादा बताया, जिससे वे गंभीर प्रदूषण श्रेणी में आ गए। सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में अलीपुर (लगभग 415), आईटीओ (लगभग 420), नेहरू नगर (426), वज़ीरपुर (435) और बुराड़ी (430) शामिल हैं। मुख्य दोषी सूक्ष्म कण पदार्थ (पीएम 2.5 और पीएम 10) हैं जो कई कारकों के संयोजन से जमा हो रहे हैं। आसपास के राज्यों में पराली जलाना, शांत हवाएँ और कम फैलाव, यातायात और स्थानीय उत्सर्जन, और ठंडी सर्दियों की शुरुआत जिससे प्रदूषक बने रहते हैं।
नोएडा व गाजियाबाद की हवा भी खराब
व्यापक एनसीआर क्षेत्र में, नोएडा और गाजियाबाद जैसे स्थानों में भी बहुत खराब एक्यूआई दर्ज किया गया। जिसमें नोएडा में लगभग 354, ग्रेटर नोएडा में 336 और गाजियाबाद में 339 है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अधिकारियों का कहना है कि हालाँकि इस नवंबर में कुछ मामलों में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बेहतर आँकड़े दिखाई दे रहे हैं, लेकिन और भी सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपायों (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान या जीआरएपी का चरण-3) की ओर बढ़ने का जोखिम अभी भी अधिक है।
घर से बाहर निकलने को लेकर आदेश जारी
अधिकारियों ने निवासियों से घर से बाहर निकलने को सीमित करने और प्रदूषण-शमन दिशानिर्देशों का पालन जारी रखने का आग्रह किया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहा है और अगर हालात नहीं सुधरे तो ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत कड़े प्रतिबंध लगा सकता है। मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि स्थिर मौसम पैटर्न अगले कुछ दिनों में प्रदूषण के स्तर को बढ़ाए रख सकता है, जिससे दुनिया की सबसे प्रदूषित हवा में साँस लेने वाले दिल्ली के 3 करोड़ निवासियों को ज़्यादा राहत नहीं मिलेगी।
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