कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई को उपाध्यक्ष पद पर जीत से ही करना पड़ा संतोष
चंडीगढ/19 सितंबर। आरएसएस समर्थित व भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी ने बड़ी कामयाबी हासिल की। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ यानि डीयूएसयू चुनाव में जीत हासिल की। चार पदों में से तीन पर एबीवीपी ने जीत दर्ज की और अध्यक्ष पद एनएसयूआई से छीन लिया। एबीवीपी के आर्यन मान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, एनएसयूआई की जोसलीन नंदिता चौधरी को भारी अंतर से हराकर डीयूएसयू अध्यक्ष पद जीता।
जानकारी के मुताबिक डीयूएसयू से संबद्ध डीयू कॉलेजों में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हुआ। इस चुनाव में एबीवीपी और एनएसयूआई मुख्य दावेदार थे। एबीवीपी के आर्यन मान एनएसयूआई नेता रौनक खत्री की जगह डीयूएसयू अध्यक्ष बनेंगे।
विजेता उम्मीदवार ये रहे :
सभी राउंड की मतगणना के बाद, एबीवीपी के आर्यन मान डीयूएसयू के अध्यक्ष पद पर विजयी हुए। एनएसयूआई के राहुल झांसला एकमात्र विजेता रहे और उन्होंने उपाध्यक्ष पद जीता। अध्यक्ष पद पर आर्यन मान ने 28,841 वोट लेकर जीत हासिल की।
एबीवीपी के उम्मीदवार कौन थे : डीयूएसयू चुनाव में चार पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के लिए चुनाव हुआ। एबीवीपी ने अध्यक्ष पद के लिए आर्यन मान, उपाध्यक्ष पद के लिए गोविंद तंवर, सचिव पद के लिए कुणाल चौधरी और संयुक्त सचिव पद के लिए दीपिका झा को उम्मीदवार बनाया था।
एनएसयूआई के उम्मीदवार कौन थे : कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद के लिए जोसलीन नंदिता चौधरी, उपाध्यक्ष पद के लिए राहुल झंसला यादव, सचिव पद के लिए कबीर गिरसा और संयुक्त सचिव पद के लिए लवकुश भदना को उम्मीदवार बनाया।
आर्य मान कौन है : एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार आर्यन मान हरियाणा के बहादुरगढ़ के रहने वाले हैं। सब्सिडी वाला मेट्रो पास, कैंपस में मुफ्त वाई-फाई, दिव्यांगों के लिए सुलभता ऑडिट और बेहतर खेल सुविधाएं उसके चुनावी वादों में शामिल हैं।
जोसलीन नंदिता चौधरी कौन है :
डीएसयू अध्यक्ष पद के लिए एनएसयूआई की उम्मीदवार जोसलीन नंदिता चौधरी बौद्ध अध्ययन की पोस्ट ग्रेजुएट छात्रा है। उसने डीएसयू चुनाव प्रचार में हॉस्टल की कमी, कैंपस सुरक्षा और मासिक धर्म अवकाश की मांग पर ध्यान केंद्रित किया।
एसएफआई-एआईएसए : एसएफआई-एआईएसए ने अध्यक्ष पद के लिए इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज की छात्रा अंजली को उम्मीदवार बनाया। यह त्रिकोणीय मुकाबला था, लेकिन मुख्य दावेदार एबीवीपी और एनएसयूआई थे। अंजली ने लैंगिक भेदभाव, फीस वृद्धि और शिकायत निवारण तंत्र को बहाल करने के मुद्दों पर प्रचार किया।