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हरियाणा और पंजाब समेत दस राज्यों में कुल बारह इंडस्ट्रियल सिटी बनाए जाने का फैसला

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इंडस्ट्रियल सिटी बनने से 40 लाख जॉब और डेढ़ लाख करोड़ निवेश की क्षमता होगी पैदा

नई दिल्ली 29 अगस्त। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली मंत्रिपरिषद बैठक यहां सुषमा स्वराज भवन में हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक करीब पांच घंटे पचास मिनट चली। जिसमें आर्थिक मामलों की केंद्रीय कैबिनेट ने 9 राज्यों में 12 नई इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी को मंजूरी दी है।

कुल मिलाकर 10 राज्यों में फैली और छह प्रमुख कॉरिडोर से लगी ये 12 इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने में अहम मानी जा रही हैं। सरकार नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत इन पर 28,602 करोड़ रुपए निवेश करेगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, भारत में जल्द स्वर्णिम चतुर्भुज की रीढ़ पर इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी का एक भव्य हार होगा। इनसे 10 लाख प्रत्यक्ष, 30 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। इन परियोजनाओं से 1.52 लाख करोड़ रुपए की निवेश क्षमता पैदा होगी।

इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से 2030 तक 2 लाख करोड़ का निर्यात हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इन प्रोजेक्ट के 2027 तक पूरा होने की संभावना है। इनमें 5 प्रोजेक्ट अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और 2 प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के पास हैं।

जबकि एक-एक प्रोजेक्ट विशाखापट्‌टनम-चेन्नई, हैदराबाद-बेंगलुरु, हैदराबाद-नागपुर और चेन्नई-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के पास हैं। 12वीं स्मार्ट सिटी हरियाणा में तैयार होगी। यह कहां होगी, इसकी जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है। यहां गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले 3 महीनों में 2 लाख करोड़ के आठ इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी में ही कर्मचारी परिवार सहित रहेंगे। फैक्ट्री तक पैदल आ-जा सकेंगे।

इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी की खासियतें : ये सिटी स्वर्णिम चतुर्भुज कॉरिडोर के नजदीक होंगे। ट्रेन-बस-एयर कनेक्टिविटी मिलेगी। यहां बिजली 24 घंटे रहेगी। आवेदन ऑनलाइन कर सकेंगे। सिंगल विंडो क्लियरेंस होगा। कंपनियों को एंसिलरी कंपोनेंट वहीं मिलेंगे। ई-लैंड मैनेजमेंट सिस्ट होगा। गैस पाइपलाइन बिछी होंगी। पानी की रिसाइकलिंग होगी। टेलीकॉम/ओएफसी नेटवर्क मिलेगा। केंद्र-राज्य सरकारें अतिरिक्त इन्सेंटिव देंगी। बड़ी और एमएसएमई इंडस्ट्री को निवेश की सुविधा देकर इंडस्ट्री इकोसिस्टम बनाया जाएगा।

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