समावेश और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में लुधियाना प्रशासन ने एक सराहनीय पहल की है। उपायुक्त हिमांशु जैन ने मंगलवार को प्रोजेक्ट उम्मीद के तहत कैफ़े एस.पी.आई.सी.ई. (स्पेशल प्रोग्राम फॉर इन्क्लूजन, कॉन्फिडेंस एंड एम्पावरमेंट) का उद्घाटन किया। यह पहल दिव्यांगजनों को कौशल विकास, सम्मानजनक आजीविका और सामाजिक एकीकरण के माध्यम से सशक्त बनाने पर केंद्रित है।
यह कैफ़े हंब्रान रोड स्थित अयाली खुर्द की सरकारी डिस्पेंसरी में स्थापित किया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका संचालन पूरी तरह से तीन प्रशिक्षित दिव्यांग कर्मचारियों—परमवीर सिंह, विकास और अमरजोत कौर—द्वारा किया जाएगा। ये तीनों खाना पकाने, परोसने, बिलिंग और ग्राहकों से संवाद तक, हर कार्य को स्वतंत्र रूप से संभालेंगे। यह कदम वित्तीय आत्मनिर्भरता और कार्यस्थल समावेशन की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण है।

उपायुक्त ने दी प्रेरणादायक संदेश
उद्घाटन के अवसर पर डीसी हिमांशु जैन ने कहा कि, “कैफ़े एस.पी.आई.सी.ई. सिर्फ एक कैफ़े नहीं, बल्कि सम्मान, क्षमता और समान अवसर का प्रतीक है। प्रशासन का लक्ष्य लुधियाना को दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर जीवन जीने का अवसर देना है।” उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट उम्मीद का आगे और विस्तार किया जाएगा, जिसमें अधिक प्रशिक्षण केंद्र, रोजगार के अवसर और समावेशी सार्वजनिक ढाँचा जोड़ा जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान तीनों प्रशिक्षुओं के माता-पिता और सहयोगी एनजीओ — आशीर्वाद, एक्ट ह्यूमेन, निर्दोष, एक प्रयास — के साथ-साथ मुंजाल फैमिली, आरएन गुप्ता और वर्सेटाइल एंटरप्राइजेज को सम्मानित किया गया। इसी अवसर पर एक सुलभ शौचालय का भी उद्घाटन हुआ, जिससे कैफ़े स्टाफ के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल सुनिश्चित किया जा सके।


कैफ़े एस.पी.आई.सी.ई. इस बात का उदाहरण है कि सही मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और अवसर मिलने पर दिव्यांगजन समाज में आत्मनिर्भर होकर सार्थक योगदान दे सकते हैं।





