पंजाब/यूटर्न/29 जुलाई: खाड़ी देशों में ‘अपनों’ के बुने जाल में पंजाब की बेटियां फंस रही हैं। अपने ही वहां ‘रिश्तों’ का मोल लगा रहे हैं। पंजाब की गरीब घरों की बेटियों को रिश्तेदार ही चिकनी-चुपड़ी बातों से सब्जबाग का ऐसा महल खड़ा कर देते हैं, जिसके आगे मां-बाप समेत बेटियां सुनहरी भविष्य के सपने बुनने लगती हैं। बस, यहीं से उनके शोषण का सफर शुरू हो जाता है। ऐसे ही ‘अपने’ का शिकार बनी पंजाब के जिला मोगा की लडक़ी को ओमान के मस्कट में एक हजार रियाल (दो लाख भारतीय रुपये) में बेच दिया गया, वहीं वीजा खत्म होने के बाद उससे अपने ही परायों जैसा अमानवीय व्यवहार करने लगे। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल व विदेश मंत्रालय की प्रयास से पीडि़ता सकुशल पंजाब परिवार के पास लौट पाई है।
अरब परिवार को बेचा
मोगा से निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी सपरिवार आई पीडि़ता ने बताया कि वह गरीब परिवार से है, जो घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए ओमान गई थी, पर वहां उसके ट्रैवल एजेंट रिश्तेदार ने ही उसे एक हजार रियाल (भारतीय मुद्रा में 2 लाख रुपये) में एक अरब परिवार को बेच दिया। उसे केवल एक महीने के विजिटर वीजा पर भेजा गया था, जबकि उसे तीन महीने के वीजे का कहा गया। पीडि़ता ने बताया कि 7 सितंबर 2023 को जब वह ओमान एयरपोर्ट पर उतरी तो उसे लेने आए शखस ने जबरन उसका फोन और पासपोर्ट छीन लिया। उसे हवाई अड्डे से तीन घंटे की दूरी पर एक बहुमंजिला इमारत में एक कार्यालय में बंद कर दिया गया।
वीजा अवधि खत्म होते ही टूटा दुखों का पहाड़
पीडि़ता ने बताया कि उसके साथ एक केन्याई लडक़ी भी थी। पीडि़ता ने यह भी बताया कि जब तक वीजा वैध था, ट्रैवल एजेंट उसकी देखभाल करते रहे, लेकिन जैसे ही उसका वीजा खत्म हुआ, उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। ट्रैवल एजेंटों ने उसके प्रति अपना रवैया बदल दिया और उसे पीटना शुरू कर दिया। उसने बताया कि काम के दौरान संक्रमण के कारण उसकी तबीयत काफी खराब हो गई थी और जिस परिवार में वह काम कर रही थी। उन्होंने उसका इलाज करने से मना कर दिया, लेकिन इस हालत में भी उससे काम करवाया जा रहा था। उसने कहा कि वहां उसकी परिवार से बात तक भी नहीं करवाई जाती थी। वापसी के लिए लाखों रुपये देने के बावजूद उसे वापस नहीं भेजा जा रहा था। उसने बताया कि वहां जो भी यहां से लड़कियां जा रही हैं, उन्हें पहले वहां पहुंचने वाली लड़कियों से अलग रखा जाता है। जैसे ही उनके भी वीजे की अवधि खत्म होती है, उनसे दुर्व्यवहार किया जाने लगता है। पीडि़ता के पति ने 7 मई को राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया और पत्नी के बारे में बताया। जिस पर संत सीचेवाल ने तुरंत कार्रवाई करने पर युवती कुछ ही दिनों में वतन लौट आई।
खाड़ी देशों में भेजने से परहेज करने की अपील
राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने लोगों से लड़कियों को खाड़ी देशों में भेजने से परहेज करने की अपील की। उन्होंने पंजाब पुलिस के अधिकारियों से भी सखती से कहा कि ट्रैवल एजेंटों की सताई गई इन लड़कियों के मामलों को सहानुभूतिपूर्वक सुना जाना जाए और उन्हें सुलझाने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए चाहिए। उन्होंने विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास को धन्यवाद किया।
पंजाब पुलिस के व्यवहार से परेशान
पीडि़ता ने पंजाब पुलिस के व्यवहार पर दुख व्यक्त करते हुए बताया कि जब वह अपनी शिकायत लेकर मोगा पुलिस के पास गई तो उल्टे उसे धमकाया गया। पीडि़ता ने बताया कि जब उसने शिकायत की तो पुलिस अधिकारी कहने लगे कि इन बयान पर कार्रवाई नहीं होगी, जो बयान पुलिस लिखेगी, उस पर कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी ने ट्रैवल एजेंट का पक्ष लिया और कहा कि एजेंट के तो पैसे डूबे हैं, जबकि पीडि़त से उनके द्वारा दिए गए पैसे और वे कहां से आए, इसके बारे में पूछताछ की गई। पीडि़ता ने कहा कि विदेश में प्रताडऩा से उसे उतना दुख नहीं हुआ, जितना अपने देश में न्याय पाने के लिए पंजाब पुलिस के व्यवहार से हुआ।
——————
अपनों’ के हाथों बिक रहीं बेटियां,मस्कट में एक हजार रियाल में रिश्तेदार ने किया सौदा, दर्दनाक है दास्तां
Kulwant Singh
👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं