बरसात में उज्ज दरिया उफनने से डूबते हैं गांव
पठानकोट 10 जुलाई। बरसात के चलते यहां सीमावर्ती इलाके के गांवों में उज्ज दरिया में उफान आने पर बाढ़ का खतरा बना है। यह दरिया बमियाल बॉर्डर से होकर गुजरता है, हर साल बाढ़ में इसका पानी आधा दर्जन गावों को अपनी चपेट में लेकर तबाही मचा देता है।
बाढ़ में डूबते हैं गांव, होता है नुकसान : यहां काबिलेजिक्र है कि पिछले साल भी सीमावर्ती गांवों में बाढ़ आने से भारी नुकसान हो गया था। जिससे लोगों को जान-माल नुकसान भी उठाना पड़ा था। गांववालों का कहना है कि सरकार व प्रशासन ने इस बार भी संभावित बाढ़ से निपटने को पुख्ता प्रबंध नहीं किए। वह चिंता जताते हैं कि पिछले साल भी तमाम दावों के बावजूद बरसात में बाढ़ के पानी ने आधा दर्जन गांवों को अपनी चपेट में लिया था। कई परिवारों को निकाल कर सरकारी स्कूलों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर रखा गया था।
सरपंच बलबीर सिंह ग्राम पंचायत दनवाल समेत दूसरे गांवों के लोगों के मुताबिक जब बाढ़ आती है तो प्रशासनिक अधिकारी और नेता हाल पूछने आ जाते हैं। जबकि पहले से बाढ़ से निपटने के पुख्ता प्रबंध नहीं किए जाते। पिछले साल नेताओं ने मुआवजा दिलाने की बात भी कही थी, लेकिन अभी तक किसी को भी मुआवजा नहीं मिला। हालांकि एसडीएम पठानकोट सुमित सूद का दावा है कि प्रशासन की ओर से संभावित बाढ़ से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध कर लिए गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से इस बार डिस्ट्रिक्ट फ्लड मैनेजमेंट प्लान तैयार किया गया है।
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