खट्टर को छोड़ने सैनी भी साथ गए थे पंजाब भवन, गेट पर ताला लटका मिला, सुरक्षाकर्मी ढूंढकर लाए गार्ड
चंडीगढ़ 21 फरवरी। यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। आधी रात को दोनों का काफिला 15 मिनट तक वहां सड़क पर खड़ा रहा। दरअसल पंजाब भवन के मेन गेट पर ताला लटका था।
यहां काबिलेजिक्र है कि जहां सैनी और खट्टर का काफिला बुधवार आधी रात को जहां खड़ा था, वहीं चार साल पहले पानीपत के विधायक की गाड़ी को आग लगा दी गई थी। खैर, सैनी और खट्टर के काफिले में शामिल जे-प्लस सुरक्षा के कर्मियों ने स्थानीय पुलिस की मदद से 15 मिनट में उस गार्ड को तलाशा, जिसके पास मेन गेट की चाबी थी। तब कहीं गेट खुलवाकर काफिला हरियाणा भवन की तरफ गया, जहां केंद्रीय मंत्री खट्टर को रुकना था। वहीं, इस मामले को लेकर अब हरियाणा सीआईडी अलर्ट हो गई जांच शुरू कर दी। हालांकि इस मामले में अधिकारी खुले तौर पर कुछ नहीं कह रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सीक्रेट तौर पर जांच हो रही है। वहीं पहले रूट क्लियर ना कराने को लेकर भी हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों को जांच के लिए कहा है।
यह था असल मामला :
केंद्रीय मंत्री खट्टर चंडीगढ़ आए थे। वह सीएम सैनी के साथ चंडीगढ़ में ही उनके सरकारी आवास संत कबीर कुटीर पर गए थे। देर रात खट्टर हरियाणा निवास लौटने लगे तो सीएम सैनी भी उन्हें छोड़ने गए। काफिला हरियाणा निवास की तरफ टर्न होने पर पंजाब भवन का गेट बंद मिला। इस गेट की चाबी पंजाब भवन के गार्ड के पास रहती है। जब भी कोई वीआईपी आता है तो वही गेट खोलता है। पंजाब भवन क्रॉस करने के बाद ही हरियाणा निवास आता है। संभवत: पूर्व सूचना ना होने की वजह से गार्ड उस वक्त गेट पर नहीं था।
जब सीएम का काफिला रुका तो इस बारे में चंडीगढ़ पुलिस के पास भी सूचना पहुंची तो उनकी टीमें भी मौके पर आईं। हालांकि सीएम और केंद्रीय मंत्री की रवानगी के वक्त चंडीगढ़ पुलिस ने पहले रूट क्लियर क्यों नहीं किया, इसको लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
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