डिजिटल अरेस्टिंग के बाद साइबर ठगी का नया फंडा
व्हाट्सएप बना लोगों के लिए जी का जंजाल
लुधियाना 17 दिसंबर। साइबर ठगों द्वारा पहले डिजिटल अरेस्टिंग के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाकर ठगी की जा रही थी। अभी प्रशासन व पंजाब सरकार इसका हल नहीं ढूंढ सकी और साइबर ठगों द्वारा लोगों से फ्रॉड करने का नया तरीका अपनाना शुरु कर दिया है। दरअसल, अब साइबर ठगों की और से लोगों के व्हाट्सएप हैक कर उनके रिश्तेदारों, दोस्तों और जानकारों को पेमेंट की जरुरत संबंधी मैसेज भेजे जाते हैं। जिसके बाद अपना बैंक अकाउंट या गुगल-पे नंबर दे दिया जाता है। फिर उक्त खाते में पेमेंट ट्रांसफर करवाकर ठगी की जा रही है। लुधियाना के नामी लोगों को ही ठगों द्वारा अपना शिकार बनाया जा रहा है। चर्चा है कि शहर के कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा चुकी है। हालांकि इस वारदात को इतनी चालाकी के साथ अंजाम दिया जाता है कि किसी को शक तक नहीं हो पाता। चर्चा है कि ठगों द्वारा अपने जाल में फंसाने के लिए कॉल तक कर देते हैं। जबकि आवाज भी इस तरह निकाली जाती है कि शक न हो सके। अब देखना होगा कि ठगी के इस तरीके पर पुलिस व प्रशासन द्वारा रोक लगाई जा पाएगी या नहीं।
50 हजार रुपए तक मांगी जाती पेमेंट
चर्चा है कि ठगों द्वारा पहले व्हाट्सएप हैक किया जाता है। लेकिन उक्त व्यक्ति को इसका पता नहीं चल पाता। फिर उक्त व्यक्ति के व्हाट्सएप से उसके रिश्तेदारों, दोस्तों व जानकारों को मैसेज भेजे जाते हैं। जिसमें लिखा जाता है कि उसे पेमेंट की जरुरत है, वह शाम को वापिस कर देगा। जिसके बाद गुगल पे नंबर व अकाउंट नंबर भेज दिया जाता है। यह खाते ठगों के खुद के होते हैं। उक्त व्यक्ति के व्यवहार को देखते हुए लोगों द्वारा पेमेंट ट्रांसफर कर दी जाती है। पेमेंट भेजने के बाद ठगी का पता चलता है।
कम पेमेंट होने के चलते नहीं करते शिकायत
बता दें कि ठगों द्वारा शहर के हर व्यक्ति के साथ इस तरह साइबर ठगी नहीं की जा रही। बल्कि चयनित कर सिर्फ नामी लोगों को ही शिकार बनाया जा रहा है। क्योंकि नामी लोग 30 से 50 हजार तक की पेमेंट होने के चलते लोगों द्वारा इसकी शिकायत ही पुलिस को नहीं दी जाती। जिसके चलते वह ठगी होने के बाद भी शांत रहते है। लेकिन इसी वजह से यह वारदातें बढ़ती भी जा रही है।
लोगों को खुद होना पड़ेगा अवेयर
जानकारी के अनुसार पिछले कुछ समय में साइबर ठगों द्वारा डिजिटल अरेस्ट के जरिए पंजाब के कई लोगों को अपना शिकार बनाया गया। सरकार अभी डिजिटल अरेस्ट को रोकने के लिए अवेयरनेस कर रही है और दूसरी तरफ ठगों ने वारदातों के लिए नया तरीका अपना लिया। लेकिन इन सब के बीच लोगों को खुद अवेयर होने की जरुरत है। अगर किसी जानकार के भी नंबर से पेमेंट संबंधी मैसेज या कॉल आए तो उस पर ध्यान न दें। जबकि उक्त जानकार को मिलकर पूरी बात करने के बाद ही पेमेंट देने के इच्छुक है तो दें, नहीं तो ऐसे ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर के मामलों में फंसकर ठगी का शिकार न हो।
व्हाट्सएप बन रहा परेशानी का कारण
नामी कंपनियों द्वारा लोगों की आपसी बातचीत करने के तरीके को आसान बनाने के लिए व्हाट्सएप लाया गया। व्हाट्सएप आने पर जीमेल व ईमेल बुरी तरह से फेल हो गए। लेकिन व्हाट्सएप एक तरफ कम्यूनिकेशन के लिए आसान तरीका बना तो वहीं अब यह लोगों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है। क्योंकि अब साइबर ठगों द्वारा व्हाट्सएप को अपना हथियार बनाकर इस्तेमाल किया जा रहा है।