एटलस साईकिल की और फंसे लुधियाना साईकिल इंडस्ट्री का करोड़ो रु

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वर्ल्ड एमएसएमई फोरम ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र : नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की सीमा घटाकर ₹1 लाख करने की मांग

लुधियाना 25 जुलाई : वर्ल्ड एमएसएमई फोरम के प्रवक्ता बदीश जिंदल ने केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में आवेदन की सीमा को ₹1 करोड़ से घटाकर ₹1 लाख करने की मांग की है। फोरम ने बताया कि पहले एनसीएलटी ₹1 लाख से अधिक के लेनदारों के मामले सुनता था, लेकिन 24 मार्च 2020 को अधिसूचना संख्या 1205 (ई) के तहत यह सीमा बढ़ाकर ₹1 करोड़ कर दी गई। इससे छोटे लेनदारों को एमएसएमई सुविधा परिषदों का सहारा लेना पड़ता है, जो अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रही हैं।

अब तक देशभर में 2.46 लाख से अधिक आवेदन इन परिषदों में दर्ज हुए हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत से कम मामलों में ही न्याय मिल पाया है। पंजाब में ही 11,267 मामलों में से 4,636 अभी भी लंबित हैं। फोरम ने उदाहरण देते हुए कहा कि लुधियाना के साइकिल पार्ट्स व्यापारियों को एटलस साइकिल्स से वसूली में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। जिंदल ने तर्क दिया की कई कंपनियों की निजी रिकवरी १ करोड़ से कम होने के चलते अभी भी लुधियाना इंडस्ट्री का करोड़ों रु एटलस साईकिल की तरफ रुका हुआ है

फोरम का कहना है कि एनसीएलटी के माध्यम से वसूली प्रक्रिया सरल और प्रभावी है, इसलिए एमएसएमई सेक्टर को राहत देने हेतु सीमा घटाकर ₹1 लाख की जाए।

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