watch-tv

सडक़ों पर घुटनेभर पानी, डूबीं फसलें… तस्वीरें बता रहीं ओलिंपिक स्टार मनु भाकर के गांव की बदहाली

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

हरियाना /यूटर्न/4 अक्तूबर: हरियाणा के झज्जर जिले में स्थित गोरिया गांव अपनी बेटी मनु भाकर की शूटिंग उपलब्धियों के लिए जाना जाता है, लेकिन इस गांव की हकीकत कुछ और ही है। यूनिवर्सल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के शूटिंग रेंज में जहां मनु ने अपने कौशल को निखारा वहां उनकी प्रेरणादायक तस्वीरें दीवारों पर सजी हुई हैं। उनके पिता, राम किशन भाकर कहते हैं कि 2016 में यहीं से शुरुआत हुई थी। शुरुआती राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पदक उसने यहां की मेहनत से जीते थे। हालांकि, स्कूल के बाहर गांव की तस्वीर कुछ अलग ही है। मनु भाकर के गांव में जलभराव की समस्या है। किसानों की फसलें डूब चुकी है। इस गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। जलभराव ने फसलों को नष्ट कर दिया है, जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सेवानिवृत्त सैनिक धर्मवीर सिंह कहते हैं कि अनाज सड़ रहा है। ग्रामीण जलभराव के लिए आंशिक रूप से पास के बिजली संयंत्र को जिंमेदार ठहराते हैं। हालांकि, अत्यधिक बारिश, पास की नहर से पानी का उफान और निचले इलाके में जल निकासी की समस्या पैदा हो गई है। वहीं एक ग्रामीण राम किशन कहते हैं कि जलभराव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और पानी से होने वाली बीमारियां फैल रही हैं। वह कहते हैं कि ग्रामीण वर्षों से अस्पताल की मांग कर रहे हैं। सार्वजनिक परिवहन न के बराबर है। सुबह एक-दो बसें ही आती हैं। जिनके पास निजी वाहन हैं, वे ठीक हैं। लेकिन दूसरों के लिए, कुछ भी नहीं है।
झज्जर विधानसभा सीट में आता है ये गांव
सितंबर के आखिरी हफते में गांव की मुखय सडक़ पर भी बाढ़ आ गई थी। गोरिया, झज्जर विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। कांग्रेस की गीता भुक्कल 2009 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, लेकिन उनके वोट शेयर में गिरावट आई है। उनके मुखय प्रतिद्वंद्वी हैं बीजेपी के कैप्टन बिरधाना, जेजेपी के नसीब सोनी और बीएसपी के धर्मबीर सिंह। जाट, गोरिया में संखयात्मक रूप से सबसे बड़ी जाति हैं, जिनकी आबादी लगभग 3,600 है। यूनिवर्सल स्कूल के चेयरमैन महेंद्र सिंह कहते हैं कि ज्यादातर जाट कांग्रेस को वोट देंगे।
कांग्रेस और बीएसपी के बीच मुकाबला
मंदिर सिंह जो कुमहार जाति से हैं, कहते हैं कि गांव के ज्यादातर कुमहार पारंपरिक रूप से कांग्रेस के मतदाता रहे हैं। दलित बस्ती में, लोग जल निकासी और पीने के पानी की खराब सुविधा के बारे में शिकायत करते हैं। एक दलित, भूप सिंह कहते हैं कि हमारे लिए चुनाव कांग्रेस और बीएसपी के बीच है। ज्यादातर कांग्रेस की ओर झुके हुए हैं।
हनी गोरिया भी इसी गांव के
मनु के पेरिस 2024 में दो कांस्य पदक जीतने पर स्थानीय नेताओं का तांता लग गया था। गांव की दीवारों पर अभी भी पुराने अभिनंदन पोस्टर लगे हुए हैं। गांव को अपनी बेटी की सफलता पर गर्व है। लेकिन मनु ही गांव की एकमात्र सफल खिलाड़ी नहीं हैं। यहां हनी गोरिया भी हैं, जिन्होंने पिछले साल हांग्जो में एशियाई पैरा खेलों में भाला फेंक (स्न37) में स्वर्ण पदक जीता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा था कि उनके अद्वितीय कौशल ने भारत के लिए अपार खुशी और गौरव लाया है। लेकिन हनी के पिता सुरेंद्र नाखुश हैं। वह कहते हैं कि मेरे बेटे को वह नकद पुरस्कार नहीं मिला जिसके वह हकदार है। हरियाणा में हर एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता को यह पुरस्कार दिया जाता है।
—————

Leave a Comment