अमृतसर 17 सितंबर 2025 —
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पंजाब के कृषि मंत्री सरदार गुरमीत सिंह खुडियां के निर्देशानुसार जिला कीट निगरानी एवं सलाहकार इकाई की एक बैठक मुख्य कृषि अधिकारी अमृतसर डॉ. बलजिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई। जिसमें कृषि से संबंधित विषयों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। डॉ. आस्था सहायक प्रोफेसर केवीके अमृतसर ने बीमारियों के हमले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दिनों लगातार शुष्क मौसम और खाद व नाइट्रोजन उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग के कारण झूठी कंजियारी का हमला देखा गया है, लेकिन अब परिपक्वता की ओर पहुंच चुकी फसल पर अनावश्यक रूप से छिड़काव नहीं करना चाहिए। श्री रमन कुमार विषय वस्तु विशेषज्ञ (पीपी) , अमृतसर ने कहा कि धान/बासमती में तापमान में वृद्धि के बाद, यदि भूरे-पीठ वाले पतंगे का हमला आर्थिक सीमा (प्रति पौधा 5 पतंगे) से ऊपर है, तो 94 मिलीलीटर ट्राइफ्लुमिजोपाइरम 10 एससी / 80 ग्राम डाइनोटेफ्यूरान 20 एससी / 120 ग्राम पाइमेट्रोज़िन 50 डब्ल्यूजी / 80 मिलीलीटर नीम-आधारित इकोटिन (एजाडिरेक्टिन 5%) या लीटर पीएयू नीम के घोल को प्रति एकड़ लीटर पानी में छिड़कना चाहिए। बागवानी विभाग संधू से जतिंदर सिंह , सहायक बागवानी अधिकारी ने कहा कि यदि अमरूद की फसल पर फल मक्खी का हमला देखा जाता है, तो फल मक्खी के जाल का उपयोग किया जाना चाहिए, जो बागवानी विभाग के कार्यालय पीर स्टेट वेरका बाईपास से लिया जा सकता है और गिरे हुए फलों को जमीन में गहरा दबा देना चाहिए। किसानों को अपने खेतों का लगातार निरीक्षण करना चाहिए और संभावित हमलों के बारे में कृषि विशेषज्ञों को सूचित करना चाहिए तथा अनावश्यक छिड़काव से बचकर कृषि व्यय को कम करना चाहिए। इस अवसर पर सुखचैन सिंह, विषय विशेषज्ञ (कृषि) , अमृतसर , मनदीप सिंह , सुखमनप्रीत कौर और गगनदीप कौर (कृषि विकास अधिकारी , अमृतसर) उपस्थित थे।