बारिश से आदमपुर, नारनौंद, हांसी में 35 साल का रिकॉर्ड टूटा, गिरदावरी की मांग
हिसार 28 दिसंबर। पश्चिमी विक्षोभ के चलते बारिश के साथ तेज हवाओं और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें तबाह हो गईं। अकेले हिसार जिले के करीब 50-60 गांवों में ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। इन गांवों में फसलें ओलों की चपेट में आकर दबने के कारण किसानों पर एक तरह से कहर टूट पड़ा।
जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान सरसों और चने की फसलों को पहुंचा है। इसके अलावा हांसी क्षेत्र में सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचा। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार शाम तक हिसार में 15.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड दर्ज की गई। वहीं बारिश से अधिकतम तापमान में 6.8 डिग्री की गिरावट आई और तापमान 14.5 डिग्री पर पहुंच गया। जबकि न्यूनतम तापमान में 3.1 डिग्री की बढ़ोतरी हुई, जिससे यह 10 डिग्री पर पहुंच गया।
यहां हिसार में दिसंबर माह में बारिश का 35 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है। जिले में 24 घंटे में 12 से 13 एमएम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 2017 में दिसंबर माह में 8 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। वर्ष 1989 में 10 दिसंबर को 24 घंटे में 100 एमएम बारिश दर्ज की गई थी।
वहीं किसानों की फसल तबाह होने पर कांग्रेसी विधायक चंद्रप्रकाश ने गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बारिश के साथ ओलावृष्टि से बहुत से क्षेत्रों में फसलें बर्बाद हो गईं। इसलिए सरकार को तत्काल गिरदावरी करा किसानों को मुआवजा देना चाहिए। इसी तरह, भारतीय किसान टिकैत यूनियन के जिला प्रधान कुलदीप खरड़ ने गिरदावरी करा नुकसान की भरपाई करने की मांग उठाई।
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