आईएमए ने लगाया बजट की कमी का आरोप, केंद्र की योजना रुकने से सैनी सरकार की बढ़ेगी चिंता
हरियाणा/यूटर्न/7 अगस्त। सूबे में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य व चिरायु योजना के तहत निजी अस्पतालों ने वीरवार से मरीजों का इलाज रोक दिया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हरियाणा ने 500 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया भुगतान और प्रशासनिक खामियों का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है।
जानकारी के मुताबिक आईएमए हरियाणा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय महाजन ने जारी बयान में रोष जताया कि मूल समस्या सरकार द्वारा उचित बजट का प्रबंध ना करना है। सरकार डॉक्टरों और अस्पतालों की उधारी पर मुफ्त की वाहवाही लूटना चाहती है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ हुई बैठक में कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। वह स्पष्ट नहीं कर पाए कि कितना बजट और कब तक उपलब्ध होगा। उनके अनुसार, मानसून सत्र में पूरक बजट की मांग की जाएगी। जिसका मतलब है कि भुगतान में कम से कम एक महीने की देरी होगी।
आईएमए के अनुसार, राज्य में लगभग 650-700 निजी अस्पताल आयुष्मान योजना से जुड़े हैं, जो 90% मरीजों को सेवा प्रदान करते हैं। इन अस्पतालों को मार्च 2025 से केवल 10-15% बकाया भुगतान मिला है, जिससे छोटे अस्पतालों पर वित्तीय संकट गहरा गया है। डॉ. महाजन के मुताबिक पिछले दो वर्षों से भुगतान अनियमित हैं। सरकार ने 2024-25 के लिए केवल 700 करोड़ रुपये आवंटित किए, जबकि जरूरत 2,000-2,500 करोड़ रुपये की है।