watch-tv

किसान आंदोलन से संकट : अंबाला जाने को जान जोखिम में डाल रहे लोग, टिवाणा में घग्गर पुल की हालत है खस्ता

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

पंजाब से दिल्ली जाने वाले इसी कच्चे घग्गर पुल का कर रहे इस्तेमाल, किसानों की वजह से मेन रोड रहता है बंद

अंबाला 6 जुलाई। करीब पिछले पांच महीने से शंभू बॉर्डर पर किसानों का धरना चल रहा है। ऐसे में इस धरने के कारण अमृतसर, पटियाला, मोहाली से अंबाला और दिल्ली जाने वाले वाहन गांव टिवाणा-झजों में घग्गर नदी पर बने अस्थाई पुल से निकल रहे हैं।

यहां गौरतलब है कि बारिश के चलते इस पुल की हालत खस्ता हो चुकी है। गांव के लोगों ने वाहन चालकों को इस रास्ते से नहीं जाने देने के लिए बड़े पत्थर तक रख दिए हैं, लेकिन वाहन चालक पत्थर हटाकर जान जोखिम में डालकर इसी रास्ते से निकल रहे हैं। जंड मंगोली व घनौर के रास्ते भी बारिश के चलते कीचड़ से लथपथ हो चुके हैं, वहां से निकालना भी खतरनाक है।

आसपास के गांववालों ने बताया कि घग्घर नदी पार करने के लिए गांववालों ने छोटा अस्थाई पुल बनाया हुआ था। जहां से नजदीकी गांव के लोग आते-जाते रहते थे। कुछ वाहन चालक शंभू बॉर्डर का टोल बचाने के लिए भी इसी रास्ते का उपयोग करते थे।  ग्रामीणों ने कहा कि पिछले तीन दिनों से लगातार चल रही बारिश के चलते घग्गर में पानी बढ़ गया है। वहीं गांव के कच्चे रास्ते पर भी फिसलन है। उन्होंने बड़े वाहन चालकों को यह रास्ता न अपनाने की अपील भी की है।
महज दस से पन्द्रह मिनट में अंबाला पहुंचने वालों को अब डेढ़ से दो घंटे लग रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बीते दिनों गांव राजगढ़ की परमजीत कौर की अचानक तबीयत खराब हो गई थी। अस्थाई रास्ते से कार को ले जाना संभव नहीं था। इसलिए उसका पति पाला राम व बेटा विक्की बाइक पर बैठाकर उसे अंबाला की तरफ ले जा रहे थे। उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। रास्ता लंबा और कच्चा होने के कारण वह समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सके। उन्होंने किसानों से अपील की कि नेशनल हाईवे से अंबाला जाने के लिए कम से कम एक रास्ता खोल दें तो लोगों को राहत मिलेगी।

————-

 

Leave a Comment