12 सितम्बर- नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राधाकृष्णन को शपथ दिलाई। राधाकृष्णन का कार्यकाल 11 सितंबर 2030 तक होगा। इस दौरान PM मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और वेंकैया नायडू भी समारोह में पहुंचे।। इस्तीफा देने के 53 दिन बाद पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए। धनखड़ ने 21 जुलाई को हेल्थ इश्यू के कारण इस्तीफा दिया था। सूत्रों के अनुसार, शपथ ग्रहण के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन राज्यसभा के सभी नेताओं के साथ दोपहर 12:30 बजे बैठक करेंगे। इसकी घोषणा गुरुवार देर शाम की गई थी। NDA उम्मीदवार राधाकृष्णन को 9 सितंबर को भारत का 15वां उपराष्ट्रपति चुना गया। उन्हें विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के मुकाबले 452 वोट मिले। राधाकृष्णन ने रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हराया है।
अपनी नई जिम्मेदारी की तैयारी में राधाकृष्णन ने गुरुवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी आधिकारिक बयान में इसकी पुष्टि की गई है। उनके इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।राज्यसभा के महासचिव और निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी के मुताबिक 781 में से 767 सांसदों ने वोट डाले, वोटिंग 98.2% हुई। इनमें से 752 मत वैलिड और 15 इनवैलिड थे। एनडीए को 427 सांसदों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन YSRCP के 11 सांसदों ने भी राधाकृष्णन का समर्थन किया। 13 सांसदों ने चुनाव में मतदान से परहेज किया। इनमें बीजू जनता दल (BJD) के सात सांसद, भारत राष्ट्र समिति (BRS) के चार, शिरोमणि अकाली दल का एक सांसद और एक निर्दलीय सांसद शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि एनडीए उम्मीदवार को उम्मीद से 14 वोट ज्यादा मिले, जिससे विपक्षी खेमे में क्रॉस-वोटिंग की अटकलें हैं।
