अब तो पोस्टर तक फाड़ने पर उतर आए डरे हुए विरोधी, मचा शोर
लुधियाना, 12 जून। महानगर में लुधियाना वैस्ट विधानसभा हल्के का उप चुनाव होने में अब महज छह दिन शेष बचे हैं। ऐसे में प्रमुख दलों के नेता यूं तो चुनाव जीतने के लिए जोर-आजमाईश कर रहे हैं। वहीं, शहर में चर्चाएं यह भी हो रही है कि कुछ-एक नेता सिर्फ चंदा जुटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
पांच करोड़ किसने जुटा लिए ?
चुनावी-माहौल में अब तो चर्चा यहां तक हो रही है कि इस दौरान बड़ा ‘खेला’ हो गया है। एक उम्मीदवार के नाम पर करीब पांच करोड़ रुपये का चंदा जुटा लिया गया। हालांकि लोग तो यहां तक भी कह रहे हैं कि अकेले एक उम्मीदवार ने ही इस बहती गंगा में हाथ नहीं धोए, दूसरे एक और उम्मीदवार के नाम पर भी मोटा चंदा जुटाया गया है। कुल मिलाकर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि पहले भी कई चुनावों में यही कुछ होता रहा है। प्रमुख राजनीतिक दलों के भी जो उम्मीदवार चुनाव हारे, उनके नाम पर चंदा जुटाकर समर्थकों ने वारे-न्यारे कर लिए। हालांकि चुनाव निपटने के बाद यह मुद्दा दब जाता है। जबकि चंदा देने वाला ठगा रह जाता है।
वीवीआईपी सिक्योरिटी से लोग परेशान :
इस उप चुनाव को सभी प्रमुख दलों ने प्रतिष्ठा का सवाल बना रखा है। लिहाजा सूबे की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा के हक में आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल व सीएम भगवंत मान यहां आए दिन कार्यक्रम कर रहे हैं। इसी तरह कांग्रेसी उम्मीदवार भारत भूषण आशु के हक में पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी समेत कई सीनियर नेता यहां प्रचार मुहिम में जुटे हैं। इसी तरह, भाजपा प्रत्याशी जीवन गुप्ता के समर्थन में केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू समेत कई वीवीआईपी प्रचार करने आ रहे हैं। जबकि शिरोमणि अकाली दल-बादल के उम्मीदवार परउपकार सिंह घुम्मन के हक में पार्टी सुप्रीमो व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल हर दिन यहीं नजर आते हैं। ऐसे हालात में खासकर लुधियाना वैस्ट हल्के के कारोबारी-आम लोग वीवीआईपी मूवमेंट के चलते आए दिन लगने वाली सिक्योरिटी से परेशान हैं। हालांकि पुलिस प्रशासन को तो प्रोटोकॉल के तहत ही लगातार सिक्योरिटी-इंतजाम करना पड़ रहा है। जबकि भीषण गर्मी के दौरान आम लोगों के साथ ही सैकड़ों पुलिस मुलाजिम भी लगातार वीवीआईपी की सिक्योरिटी के चलते बेहाल नजर आ रहे हैं।
पोस्टर तक फाड़ने कर दिए शुरु :
चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचने के साथ अब हालात तनावपूर्ण बनने की आशंका है। चुनावी हार के डर से किसी ने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा के होर्डिंग्स फाड़ डाले। ऐसे में यह लगता है कि आने वाले दिनों में प्रचार अभियान के दौरान प्रमुख के उम्मीदवार आपस में टकरा भी सकते हैं। यह पुलिस-प्रशासन के लिए भी चिंता का बड़ा विषय बना है।
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