काउंट-डाउन, 5 दिन बाकी : लुधियाना वैस्ट उप चुनाव में बिट्‌टू के बयान से सट्‌टा-बाजार में आशु के मुकाबले जीवन का बढ़ा भाव !

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केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू ने बीजेपी उम्मीवार जीवन गुप्ता के मुकाबले कांग्रेसी उम्मीदवार भारत भूषण बताया था नाकाम

लुधियाना, 13 जून। पंजाब की राजनीति की धुरी कहलाने वाले औद्योगिक-महानगर लुधियाना में अब लगातार सियासी-पारा चढ़ रहा है। चर्चा जोरों पर है कि लुधियाना वैस्ट उप चुनाव में फिलहाल प्रमुख उम्मीदवारों पर लोग सट्‌टा भी लग रहे हैं। सट्‌टा-बाजार में कांग्रेसी उम्मीदवार भारत भूषण आशु के मुकाबले भाजपा प्रत्याशी जीवन गुप्ता का भाव बढ़ चुका है।

क्यों गिरा आशु का भाव ?

दरसअल केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू लगातार भाजपा प्रत्याशी के हक में प्रचार के दौरान कांग्रेसी उम्मीदवार पर हमला कर रहे हैं। चर्चाओं पर भरोसा करें तो बिट्‌टू के बयान का सीधा असर सट्‌टा बाजार पर भी पड़ा। नतीजतन सट्‌टा लगाने वालों ने एकाएक पलटी मारते हुए कांग्रेसी उम्मीदवार आशु के मुकाबले भाजपा प्रत्याशी जीवन गुप्ता की जीत को लेकर बड़े दांव लगाने शुरु कर दिए हैं।

पहले भी चुनावों में हुए सट्‌टे में उलटफेर :

पिछले लोकसभा चुनाव में भी महानगर में सट्‌टा लगाने की जोरदार चर्चा रही थी। तब कांग्रेसी सांसद रवनीत सिंह बिट्‌टू राजनीतिक-कलाबाजी दिखाते हुए अचानक भाजपा में शामिल हो गए थे। जब बीजेपी ने उनको प्रत्याशी बनाया तो कांग्रेस ने मुकाबले में पार्टी प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को उम्मीदवार बनाया दिया था। हालांकि वह तब गिदड़बाहा से कांग्रेसी विधायक थे। ऐसे में चर्चा रही थी कि सट्‌टा-बाजार में पहले बिट्‌टू पर बड़े दांव खेले गए थे। फिर अचानक सट्‌टे के खिलाड़ियों ने रिस्क मानते हुए वड़िंग की सियासी-स्थिति मजबूत मानकर उन पर दांव खेल दिया था।

कितना असर पड़ता है नतीजों पर ?

सट्‌टा-बाजार की समझ रखने वालों की मानें तो चाहे क्रिकेट मैच का मामला हो या राजनीतिक-चुनाव, सटोरियों का अपना अलग ही ‘खेल’ होता है। चर्चाओं पर भरोसा करें तो सटोरिए माहौल बनाने में भूमिका निभाते हैं। मसलन, अगर चुनावों के दौरान लोगों के बीच यह मैसेज चला जाए कि उस उम्मीदवार का भाव चढ़ गया है तो एक हद तक वोटरों का झुकाव भी उसी तरफ हो जाता है। कई मौकों पर सट्‌टा बाजार में उम्मीदवारों के भाव के मुताबिक ही चुनावी नतीजे भी सामने आते हैं।

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