काउंट-डाउन 2 दिन बाकी : लुधियाना वैस्ट उप चुनाव

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अरोड़ा के जज्बात, चुनाव में दोस्ताना ही बना रहा मेरा ‘खजाना’

लुधियाना, 16 जून। यहां लुधियाना वैस्ट विधानसभा हल्के में होने वाले चुनाव में महज दो दिन बाकी बचे हैं। ऐसे में सभी प्रमुख उम्मीदवार प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार व राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा इस दौरान खासे जज्बाती नजर आए। उन्होंने दोटूक कहा कि जब मैं राज्यसभा सांसद भी नहीं बना था तो उद्योग-जगत से जुड़ी लुधियाना की नामचीन हस्तियों से मेरे दोस्ताना रिश्ते थे। मेरे सांसद बनने के बाद उन्होंने जितने सुझाव दिए, इंडस्ट्री की मांगें रखीं, मैंने पहल के आधार पर हल कराने का प्रयास किया। लुधियाना वैस्ट उप चुनाव में मुझे आप उम्मीदवार बनाने के बाद इन्हीं उद्यमी-दोस्तों ने कई प्रमुख समस्याएं हल कराने को कहा। ज्यादातर हल भी हो गईं, लिहाजा यही ‘दोस्त’ मेरे साथ खुलकर चुनाव प्रचार में उतरे। हकीकत में चुनाव प्रचार के दौरान यही दोस्ताना मेरा असली ‘खजाना’ बना रहा। बेशक, आम आदमी पार्टी की सोच के मुताबिक मैंने समाज के हर वर्ग के लिए काम किया और उनको साथ भी लिया है। मगर मेरे पुराने उद्यमी दोस्तों ने राजनीति में एक नया इतिहास रचा। महानगर से ताल्लुक रखने वाले नामचीन औद्योगिक घरानों के सरपरस्त-मुखिया प्रचार के दौरान मेरे साथ खुलकर कदमताल कर रहे हैं।

सट्टा बाजार में भी ‘सिकंदर’ हैं अरोड़ा !

महज क्रिकेट के खेल में ही नहीं, राजनीति के क्षेत्र में भी सटोरियों का बोलबाला रहा है। लुधियाना वैस्ट उप चुनाव के प्रचार अभियान के अंतिम चरण में सट्टे का बाजार गर्मा चुका है। सट्टे के गोरखधंधे के जानकारों की मानें तो जिस पर सबसे कम दांव लगता है, उसे ही विजयी माना जाता है। अगर इस धंधे के दस्तूर पर भरोसा करें तो आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा का सट्टा बाजार में भाव महज एक रुपया है। इसे जानकार उनकी ‘ताकत’ या कहें ‘जीत’ मान रहे हैं, यानि कोई भी अरोड़ा के मुकाबले विरोधी उम्मीदवारों पर दांव खेलकर रिस्क नहीं लेना चाहता है। जबकि चर्चाओं के मुताबिक सट्टा बाजार में  कांग्रेसी उम्मीदवार भारत भूषण का ‘भाव’ अरोड़ा के मुकाबले पांच गुना चल रहा है। वहीं, भाजपा प्रत्याशी जीवन गुप्ता का तो सटोरिए सात गुना भाव तय कर उन पर बड़ा दांव लगा रहे हैं। हालांकि चौंकाने वाला पहलू यह है कि सट्टा-बाजार में शिरोमणि अकाली दल-बादल के उम्मीदवार परउपकार सिंह घुम्मण तो चर्चा में भी नहीं हैं।

अरोड़ा ने बढ़ाया जनता की उम्मीदों का ग्राफ :

इस उप चुनाव में एक नई सियासी-मिसाल भी कायम हो गई। राज्यसभा सांसद रहते आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा लगातार विकास कामों पर काम करते रहे। लुधियाना वैस्ट उप चुनाव में उम्मीदवार बनकर उन्होंने महज तीन महीने में इस हल्के में भी तमाम काम करा डाले। लिहाजा इस इलाके के वोटरों से मिले ‘फीड-बैक’ के मुताबिक लोग यही चाहतें हैं कि आप सूबे की सत्ता में है, लिहाजा अरोड़ा चुनाव जीतकर उनके हल्के का विकास कराएं।

आम से लेकर खास लोग तक अरोड़ा के साथ :

लुधियाना, 16 जून। काउंट-डाउन के साथ लुधियाना वैस्ट विधानसभा हल्के का चुनाव राजनीतिक-इतिहास भी रचने जा रहा है। चर्चाओं के मुताबिक आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने सियासत की नई रवायत कायम कर दी। वह राज्यसभा सांसद बनने से पहले एक मशहूर कारोबारी के तौर पर पहचाने जाते थे। सांसद बनकर उन्होंने लुधियाना ही नहीं, पूरे पंजाब की जनता के हक में संसद तक आवाज उठाई। आम से लेकर खास लोगों की समस्याओं को हल कराया। लुधियाना वैस्ट हल्के में उनके चुनाव प्रचार के दौरान नामी इंडस्ट्रियलिस्ट खुलकर साथ चल रहे हैं। दूसरी तरफ, अरोड़ा उन लोगों के बीच गए, जहां पहले कभी सत्ताधारी नेता नहीं पहुंचे।

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