लुधियाना 29 मार्च। हैबोवाल के जोशी नगर की ट्यूबवेल वाली गली में नगर निगम द्वारा एक प्लॉट की चारदीवारी गिराने और पेड़ काटने को लेकर विवाद हो गया। एक तरफ जहां नगर निगम द्वारा उक्त प्लॉट को सरकारी जमीन बताकर यह कार्रवाई की गई, तो दूसरी तरफ मौके पर कुछ लोग पहुंचे। जिन्होंने खुद को प्लॉट के मालिक बताया। यहां तक कि उनकी तरफ से दस्तावेज भी पेश किए गए। जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। वहीं प्लॉट मालिकों का आरोप है कि नगर निगम द्वारा कुछ धार्मिक संस्थाओं के साथ मिलकर उनके प्लॉट पर कब्जा करने की कोशिश की गई है। सरेआम ट्रेस पासिंग हुई है। व्यक्ति द्वारा प्लॉट के दस्तावेज दिखाने के बावजूद नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि यह जमीन सरकारी ही है। वहीं इस संबंधी अवैध तरीके से पेड़ काटने को लेकर वन विभाग के अधिकारी किरपाल सिंह को भी शिकायत की गई। जिन्होंने कहा कि वह मामले की जांच करेगें।
निगम खुद टीएस-1 कर चुका जारी
एडवोकेट हिमांशु जिंदल ने कहा कि यह 261 गज का प्लॉट उनकी बहन नीशा गोयल के नाम पर है। उन्होंने 2011 में यह प्लॉट खरीद किया था। उन्होंने कहा कि इंतकाल और रजिस्ट्री उनके नाम पर है, नगर निगम द्वारा खुद टीएस-1 नीशा गोयल के नाम पर जारी कर रखा है। फिर वह जमीन सरकारी कैसे हो सकती है। निगम अधिकारी झूठ बोलकर कुछ लोगों के साथ मिलकर जमीन कब्जाने में लगे हुए हैं।
नगर निगम ने चारदीवारी तोड़ काटे 25 पेड़
एडवोकेट जिंदल का आरोप है कि उन्होंने प्लॉट की चारदीवारी कर रखी है। लेकिन निगम द्वारा जेसीबी मशीन लाकर पहले दीवारें तोड़ी गई। जिसके बाद प्लॉट में लगे करीब 25 पेड़ काट दिए हैं। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा किसी की पर्सनल प्रॉपर्टी में घुसकर इस तरह पेड़ नहीं काटे जा सकते। अब अधिकारियों द्वारा उन्हें कहा जा रहा है कि अगर जमीन उनकी है तो मंगलवार को ऑफिस आकर दस्तावेज दिखा सकते हैं। हालांकि यह कार्रवाई करने से पहले भी उन्हें कोई नोटिस जारी नहीं किया गया।
खाली प्लॉट देखकर किए जा रहे कब्जे
एडवोकेट जिंदल ने कहा कि उन्हें मौके पर पहुंचकर इलाके के लोगों ने बताया कि मोहल्ले में कई लोग खाली प्लॉट देखकर उन पर अवैध कब्जे करने में लगे हुए हैं। इसी के तहत उक्त संस्थाओं के पदाधिकारियों की और से नगर निगम के साथ मिलकर उनके प्लॉट पर भी कब्जा करने की कोशिश की गई है। लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे।
यह सरकारी प्रॉपर्टी है – एटीपी
वहीं निगम एटीपी मोहन सिंह का कहना है कि यह सरकारी जमीन है। जिसके चलते वहां सफाई करवाई गई है। अगर कोई व्यक्ति खुद को जमीन का मालिक बता रहा है तो वे आकर दस्तावेज चैक करवा सकता है।