चर्चा – तहबजारी मुलाजिमों की पिटाई के मुद्दे को अनदेखा कर मेमसाब मामले में पर्चा कराने को जुटे अधिकारी
लुधियाना 10 मार्च। लुधियाना का नगर निगम विभाग आए दिन किसी न किसी विवाद को लेकर शहर की सुर्खियों में बना रहता है। अब एक नया विवाद नगर निगम के कमिश्नर आदित्य डेचलवाल के कैंप ऑफिस में तैनात दर्जा चार कर्मी को लेकर सामने आया है। दरअसल, दर्जा चार की महिला कर्मी के बीमार होने पर उसकी छुट्टी को लेकर यह विवाद हुआ। कमिश्नर आदित्य डेचलवाल के कैंप ऑफिस यानि सरकारी निवास पर तैनात उक्त महिला कर्मी के भाई पर बदसलूकी करने और सरकारी ड्यूटी में बांधा डालने के आरोप लगे हैं। जबकि इस संबंध में निगम कमिश्नर की और से पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल को लिखित में शिकायत भेजकर एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की है। हालांकि यह मामला बाहर आने पर लगातार लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि अब निगम सफाई कर्मियों के बीमार होने पर छुट्टी की एप्लीकेशन देने आए उनके रिश्तेदारों के साथ भी विवाद होने शुरु हो चुके हैं।
कैंप ऑफिस में माली का काम करती है महिला
जानकारी के अनुसार कमिश्नर के कैंप ऑफिस में माली हैबोवाल की मीना अचानक बीमार हो गई थी। जिसके चलते उसने तीन दिन की छुट्टी की एप्लीकेशन लिखी। जिसे उसका भाई सबमिट करने के लिए कमिश्नर ऑफिस आया था। निगम कमिश्नर द्वारा सीपी को भेजी गई शिकायत में बताया गया कि मीना के भाई ने उनके निजी सहायक के साथ पूरे स्टॉफ के सामने बदसलूकी की। आरोप है कि मीना के भाई ने यह भी धमकी दी कि अगर निजी सहायक उसकी बहन को ड्यूटी पर बुलाएगी तो वह उनके ऑफिस के बाहर धरना लगाएंगा। जबकि उसने मंत्री व मेयर को शिकायत करने की भी धमकी दी।
बीमार होने पर भी छुट्टी लेने का ऐतराज
चर्चा है कि अगर कोई व्यक्ति अचानक बीमार हो जाए तो उसे छुट्टी लेने का पूरा अधिकार रहता है। ऐसे में अगर कमिश्नर के कैंप ऑफिस की महिला मुलाजिम बीमार हुई और उसकी छुट्टी की एप्लीकेशन लेने की जगह उनके रिश्तेदारों से विवाद करना कहां तक उच्चित है, यह समझ नहीं आता। चर्चा है कि बीमार होने पर ही व्यक्ति को छुट्टी नहीं मिलेगी, तो कब मिलेगी।
चर्चा – कमिश्नर के घर पर काम करते हैं 50 कर्मी
चर्चा है कि नगर निगम कमिश्नर डेचलवाल के सरकारी आवास पर करीब 50 सफाई कर्मी काम करते हैं। जब यह पहले कमिश्नर है, जिनके घर पर इतनी संख्या में कर्मी काम कर रहे हैं। हालांकि कमिश्नर होने के चलते कोई भी उच्च अधिकारी मामले में दखल नहीं देता। लेकिन यह सोच का विषय है कि अगर कमिश्नर के घर पर ही इतनी संख्या में मुलाजिम काम करेगें, तो शहर का काम करना किसकी जिम्मेदारी है।
क्या एक घर में इतनी संख्या में कर्मियों की है जरुरत
वहीं चर्चा यह भी है कि एक घर को संभालने के लिए क्या 50 कर्मियों की जरुरत पड़ती है। हालांकि उक्त सभी कर्मी सैलरी सरकार के खाते से ले रहे हैं। ऐसे में सरकार को इस पर गौर करने की जरुरत है। क्योंकि यह पैसा जनता का है, जिसे अधिकारियों द्वारा मिसयूज किया जा रहा है।
अहम मुद्दे छोड़ मुलाजिमों पर कार्रवाई में जुटे अधिकारी
विकास नगर में अवैध कब्जे हटाने गई तहबजारी की टीम पर लोगों द्वारा हमला किया गया। जबकि उनसे मारपीट की गई और सरकारी गाड़ी भी छीन ली गई। उन कर्मियों द्वारा निगम कमिश्नर को बताया भी गया। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि निगम कमिश्नर द्वारा इन अहम मुद्दों को छोड़कर सफाई कर्मियों पर एफआईआर करने की सिफारिशें की जा रही है।
पत्नी के नाराज होने एक्शन की चर्चा
चर्चा है कि उक्त महिला सफाई कर्मी द्वारा पहले छुट्टी के लिए कहा गया था। लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिली। बीमार होने पर वह काम पर नहीं आई। चर्चा है कि इससे कमिश्नर की पत्नी नाराज हो गई। इसके बाद उन्होंने अपनी सहेली नीतू के जरिए गैर हाजिरी लगा दी गई। जिसके बाद सफाई कर्मी मीना के भाई ने ऑफिस आकर कमिश्नर की निजी सहायक नीतू से इस बारे में पूछा, जिसके बाद यह विवाद हुआ।
पीए पर खास मेहरबानी कर दे रखी इनोवा गाड़ी
वहीं पहले ही कमिश्नर आदित्य डेचलवाल की पीए नीतू को सरकारी खाते में इनोवा गाड़ी दे रखी है। चर्चा है कि पीए नीतू कमिश्नर की पत्नी की करीबी दोस्त है। जिसके चलते उस पर खास मेहरबानी की जा रही है। चर्चा है कि पीए के घर आने जाने व घूमने के लिए वहीं कार इस्तेमाल की जाती है। जबकि उसका पूरा खर्च सरकारी खाते में डाला जाता है। आखिर पीए पर इतनी मेहरबानी क्यों की जा रही है, यह शहर में चर्चा छिड़ी हुई है।
उच्च अधिकारियों को छोटी व किराए की दे रखी गाड़ियां
चर्चा है कि एक तरफ कमिश्नर की पीए नीतू को इनोवा कार मिली हुई है। लेकिन दूसरी तरफ सरकार द्वारा बड़े पदों पर तैनात किए जोनल कमिश्नर नीरज जैन छोटी गाड़ी यानि कि बोलेरो में आते है, वहीं दूसरी तरफ जोनल कमिश्नर जसदेव सिंह सेखों को विभाग द्वारा किराए पर ले रखी इनोवा कार दी हुई है।