पंजाब/यूटर्न/11 दिसंंबर: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने तरनतारन में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में चारों दोषियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा है। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने माना कि एक दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है जो बेहद मामूली है। हाईकोर्ट ने इसे बढ़ा कर दो लाख रुपये कर दिया है, हालांकि मृत्युदंड की मांग को खारिज कर दिया। पिता-पुत्र की हत्या और एक अन्य की हत्या के प्रयास के दोषी ठहराए गए 4 लोगों में से तीन ने उम्रकैद और एक ने 10 साल कठोर कारावास की सजा को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। झगड़ा एक भूमि विवाद को लेकर हुआ था, जिसमें आरोपी व्यक्तियों को इस बात पर आपत्ति थी कि भूमि का कब्जा अन्य पक्ष के पास था। अपीलकर्ताओं ने गोलियां चलाईं और पिता-पुत्र की मृत्यु हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। पूरी घटना की गवाही घायल व्यक्ति ने दी, जिसने शिकायत दर्ज कराई थी। हाईकोर्ट ने पाया कि डॉक्टरों की रिपोर्ट, मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अपीलकर्ताओं की निशानदेही पर बरामदगी अभियोजन पक्ष का समर्थन करती है। बैलेस्टिक रिपोर्ट भी अभियोजन पक्ष में केस को साबित करती है। हाईकोर्ट ने माना कि ट्रायल जज की ओर से प्रस्तुत प्रासंगिक साक्ष्य की सराहना में कोई घोर विकृति या बेतुकापन नहीं है। हालांकि, न्यायालय ने मामले में मृत्युदंड देने की दलील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामला दुर्लभतम मामलों की श्रेणी में नहीं आता है। याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने दोषी गुरदेव सिंह पर लगाए गए जुर्माने को अन्य सह-दोषियों के बराबर बढ़ाकर 2,00,000 रुपये कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि जुर्माना बढ़ाना चाहिए क्योंकि राशि मृतक के परिवार के सदस्यों को वितरित की जानी है।
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तरनतारन में पिता-पुत्र की हत्या के मामले में दोष सिद्धि बरकरार, मृत्युदंड से हाईकोर्ट का इन्कार
Kulwant Singh
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