लुधियाना 2 मई। लुधियाना के अग्र नगर में मंदिर की कमान संभालने, मैनेजमेंट और प्रधानगी को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। बहसबाजी के बाद बात इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्ष के बीच जमकर हाथापाई भी हुई। हालात बिगड़ते देख मौके पर पुलिस पहुंची। वहीं पार्षद पति पंकज शर्मा काका भी मौजूद पर पहुंचे। जिनकी और से बीच पड़कर दोनों पक्षों को शांत कराया गया। जिसके बाद दोनों पक्षों को सात मई तक समय दिया गया है। इस दौरान इलाका निवासी डॉ. कुलभूषण सिंगला ने आरोप लगाए कि अशोक कूपर नामक जबरन बिना किसी चुनाव के खुद ही प्रधान बना हुआ है। लेकिन जब इलाका निवासियों ने मिलकर मंदिर कमेटी के चुनाव कराने के लिए कहा तो अशोक कपूर ने झगड़ना शुरु कर दिया और हाथापाई भी की है।
बिना किसी चुनाव के चार साल के कर रखा कब्जा
कुलभूषण सिंगला ने आरोप लगाया कि अशोक कपूर खुद ही प्रधान बना हुआ है। उसकी प्रधानगी के लिए न तो कभी इलेक्शन हुई और न ही किसी ने उसे सर्वसहमति से प्रधान नियुक्त किया। लेकिन वह पिछले चार साल से मंदिर पर कब्जा किए हुए हैं। यहां तक कि उसने आज तक मंदिर के अकाउंट्स का हिसाब भी नहीं दिया।
2-3 साल से दिए जा रहे नोटिस
वहीं इलाका निवासियों का आरोप है कि उनकी तरफ से पिछले 2-3 साल से मंदिर कमेटी के चुनाव कराने को नोटिस देकर अशोक कपूर को सूचित किया जा रहा है। जबकि उन्हें उसे बार बार नोटिस देकर अकाउंट्स की जानकारी देने के लिए भी कहा जा रहा है। लेकिन उसकी और से न तो चुनाव कराने का जवाब दिया और न ही अकाउंट्स की जानकारी दी। जबकि हर साल मंदिर में करीब एक करोड़ रुपए का चढ़ावा चढ़ता है। लेकिन सारा पैसा अशोक कपूर द्वारा अपने पास रखा जा रहा है।
बाहरी व्यक्ति है अशोक कपूर
इलाका निवासियों का आरोप है कि अग्र नगर समाज की अपनी सोसायटी हैं। नियमों के मुताबिक इलाका निवासी ही प्रधान बन सकता है। लेकिन अशोक कपूर इलाके में नहीं रहता। लेकिन वे फिर भी प्रधान बना हुआ है। यहां तक कि बाहरी व्यक्ति चुनाव भी नहीं लड़ सकता।
खुद ही चुनाव की जारी कर दी नोटीफिकेशन
डॉ. सिंगला ने आरोप लगाया कि अशोक कपूर की और से मंदिर के पुजारी से लेकर हर सेवक को नौकरी से निकाल दिया। जबकि अपने जानकारों को रख लिया। करीब एक हफ्ता पहले उसने अचानक ही इलाका निवासियों को नोटीफिकेशन जारी कर कहा कि मंदिर कमेटी की प्रधानगी को लेकर चुनाव हो रहे हैं, जिसके चलते वोटिंग करें। जबकि उसने साजिश के तहत बाहरी लोगों को कमेटी के मेंबर बना दिया, ताकि चुनाव में उसी की जीत हो। वहीं इस संबंधी दूसरे पक्ष के अशोक कपूर से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।