एससी कमीशन ने शिकायत मिलने पर सहकारिता विभाग से किया जवाब-तलब
खन्ना 16 मार्च। सहकारिता विभाग और वेरका मिल्क प्लांट के दलित जनरल मैनेजर के बीच विवाद तूल पकड़ गया है। खन्ना और पटियाला के जीएम डॉ. सुरजीत सिंह भदौड़ ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत दर्ज करा दी है। जिसके चलते अब यह मामला दूसरी रंगत ले चुका है।
जानकारी के मुताबिक डॉ. भदौड़ का आरोप है कि विभाग उन्हें दलित होने के कारण टारगेट कर रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग वेरका मिल्क प्लांट्स के खातों का ऑडिट करने की बजाए व्यक्तिगत रूप से उनका ऑडिट कर रहा है। यह पंजाब सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1961 के नियमों का उल्लंघन है। यहां बता दें कि, सहकारिता विभाग पांच प्लांट, पटियाला, संगरूर, खन्ना, फरीदकोट और लुधियाना का विशेष ऑडिट करा रहा है। जीएम का कहना है कि इन सभी प्लांट्स का ऑडिट पहले ही हो चुका है। पिछली ऑडिट रिपोर्ट में कोई अनियमितता नहीं पाई गई थी।
इसे लेकर डॉ. भदौड़ ने आरोप लगाया कि रजिस्ट्रार ने जातिगत पूर्वाग्रह के तहत उनको को नुकसान पहुंचाने को यह कार्रवाई की है। विशेष ऑडिट के लिए 20 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति से विभाग को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब सहकारिता विभाग से 15 दिनों में जवाब मांगा है। अधिनियम की धारा के अनुसार, किसी भी सहकारी समिति के खातों का ऑडिट किया जा सकता है। लेकिन किसी व्यक्तिगत विशेष अधिकारी का नहीं। यह ऑडिट भी सहकारी समितियों के कम से कम 10 सदस्यों की शिकायत पर ही किया जा सकता है। यदि रजिस्ट्रार सहकारी समितियों द्वारा उक्त सहकारी समितियों में किसी धोखाधड़ी, वित्तीय घोटाले या अनियमितता की पूर्व जांच की गई हो। जबकि विशेष रूप से ऑडिट किए जा रहे इन प्लांट्स में कहीं भी कोई धोखाधड़ी, वित्तीय अनियमितता या कोई घोटाला सामने नहीं आया है।
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