रिहायशी इलाके में कमर्शियल इमारत का निर्माण, ग्लाडा का कहना अलॉटमेंट की कैंसिल, फिर भी साढ़े तीन मंजिलां इमारत बनी

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लुधियाना 23 अप्रैल। लुधियाना में करप्शन की हद सिर्फ नगर निगम तक सीमित नहीं रह गई बल्कि बाकी सरकारी विभागों में भी पहुंचती जा रही है। अब यह करप्शन का जंग ग्लाडा में भी लग चुका है। दरअसल, लुधियाना के चंडीगढ़ रोड पर जमालपुर में मौजूद लवली स्वीट्स के सामने पड़ते पुड्डा द्वारा बनाए रिहायशी एचआईजी फ्लैट्स का सामने आया है। जहां पर रेजिडेंशियल एरिया होने के बावजूद एक बिल्डर द्वारा सरेआम अवैध तरीके से एचआईजी 980 नंबर में कमर्शियल इमारत का निर्माण किया जा रहा है। इस अवैध निर्माण संबंधी इलाका निवासी प्रतीक्षित गोयल द्वारा ग्लाडा अधिकारियों को शिकायत दी गई। लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो यह है कि ग्लाडा द्वारा एक तरफ कुछ समय पहले ही उक्त बिल्डिंग की अलॉटमेंट कैंसिल करने का दावा किया गया। लेकिन अलॉटमेंट कैंसिल होने से बिल्डिंग की तीसरी मंजिल के बाद और आधे हिस्से पर लैंटर डाल दिया गया। यहां तक कि बिल्डिंग मालिक द्वारा इमारत के आगे भी कंस्ट्रक्शन का काम पूरा कर लिया। जिसके बाद ग्लाडा और उनके अधिकारी सवालों के घेरे में है। चर्चा है कि अधिकारियों की बिल्डिंग मालिक के साथ बड़ी हिस्सेदारी की बात हुई है। जिसके चलते अधिकारी खुद ही यह निर्माण करवा रहे हैं।

पहली शिकायत की तो बना डाली दो मंजिलां

इलाका निवासी प्रतीक्षित गोयल ने बताया कि उक्त कमर्शियल इमारत का निर्माण करीब 7-8 महीने पहले शुरु हुआ था। उन्होंने ग्लाडा के एसडीओ सूरज मनचंदा को इसकी शिकायत की गई, तो उसके बावजूद भी पहले तो एक्शन नहीं हुआ। फिर जब सीएम पोर्टल पर शिकायत की तो ग्लाडा अधिकारियों ने 7 जनवरी 2025 इमारत के मालिक को नोटिस निकाला। जिसमें कहा गया कि उनकी इमारत अवैध है, वह इसका काम रोक दें और ऑफिस में पेश हो। तो उसके बाद मालिक ने और तेजी से काम शुरु कर दिया और देखते ही देखते दो मंजिल और बना डाली।

एक साल का काम ग्लाडा ने 6 महीने में कराया

प्रतीक्षित गोयल ने आरोप लगाया कि ग्लाडा की एक तारीफ तो बनती है कि जो काम बिल्डिंग मालिक सुरेंद्र सिंह द्वारा एक साल में किया जाना था। ग्लाडा के अदिकारियों द्वारा वह काम मात्र छह महीने में करवा दिया गया। गोयल ने आरोप लगाया कि दरअसल, बिल्डिंग अगर नहीं बनी होगी तो ग्लाडा को उस पर पीला पंजा चलाकर गिराना पड़ सकता है। लेकिन अब इमारत बन चुकी है तो उसे गिराने में गुरेज किया जा सकता है।

शिकायत करने पर बदल जाता है अधिकारी

प्रतीक्षित गोयल ने बताया कि एक्शन न होने पर उनकी तरफ से सीएम पोर्टल पर शिकायत की गई। शिकायत को पहले ग्लाडा सीए के पास भेजा गया। सीए द्वारा नीचे अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। नीचे सत्र के अधिकारियों की बिल्डिंग मालिक के साथ सेटिंग है। वे शिकायत बंद करवा देते हैं। फिर शिकायत करने पर उच्च अधिकारी को बदल दिया, फिर नीचे अधिकारियों ने रिपोर्ट बंद करवा दी। इसी तरह 4-5 बार शिकायत की और हर बार अधिकारी बदल दिया जाता है।

मैंने कौन सा बंब के साथ उड़ाकर गिरानी है इमारत

प्रतीक्षित गोयल ने आरोप लगाया कि पहले मामले को एसडीओ सूरज मनचंदा द्वारा देखा जा रहा था। लेकिन फिर जेई वरिंदर सिंह को शिकायत भेज दी गई। प्रतीक्षित गोयल का आरोप है कि उन्होंने जेई को कॉल की तो उसने कहा कि मैंने कौन सा बंब के साथ उड़ाकर इमारत गिरानी है। उच्च अधिकारी आदेश देंगे उसी के मुताबिक कार्रवाई होगी।

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