हरियाणा में कांग्रेस संगठन की चिंताजनक हालत, 11 साल बाद ‘याद’ आया तो बनाए 32 जिलों के पार्टी प्रधान

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कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की गुटबाजी खत्म करा अगर पार्टी ऐसे पहले कर लेती तो शायद सूबे की सत्ता में होती

चंडीगढ़, 13 अगस्त। हरियाणा कांग्रेस के बारे अब सियासी जानकार यही कह रहे हैं कि देर आयद-दुरुस्त आयद। दरअसल पार्टी के प्रांतीय नेतृत्व ने 32 जिला अध्यक्षों की सूची जारी की। जिनमें कई जिलों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के अलग अध्यक्ष हैं।

लिस्ट में तो हुड्डा का दबदबा :

यहां काबिलेजिक्र है कि इस सूची में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर हुड्डा के वफादारों का दबदबा है, जिनमें 25 लोग शामिल हैं। सिरसा सांसद और पूर्व मंत्री कुमारी शैलजा के कथित गुट से सिरसा में संतोष बेनीवाल, अंबाला छावनी में परविंदर पारी, अंबाला शहर में पवन अग्रवाल, हिसार ग्रामीण में बृजलाल खोवाल और फरीदाबाद में बलजीत कौशिक में उनके वफादार हैं। इस सूची में 10 पिछड़ी जातियों से, छह जाट, पांच अनुसूचित जाति से, तीन बनिया बिरादरी से, दो-दो ब्राह्मण, राजपूत और पंजाबी के अलावा एक-एक मुस्लिम व जाट सिख शामिल हैं।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह सूची जारी की। उन्होंने कहा, ये नियुक्तियां संगठन सृजन अभियान के तहत की गई हैं। इस पहल के तहत, प्रत्येक ज़िले में नियुक्त एआईसीसी पर्यवेक्षकों ने विस्तृत समीक्षा की, पार्टी पदाधिकारियों और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत कर व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की। वेणुगोपाल और राज्य प्रभारी बीके हरिप्रसाद दोनों ने नामों को अंतिम रूप देने के लिए भूपेंद्र हुड्डा, उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा, कुमारी शैलजा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला के साथ व्यक्तिगत रूप से विचार-विमर्श किया।

नाम ना छापने की शर्त पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ऐसा लगता है कि टिकटों की तरह ही, हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने ज़िला अध्यक्ष पद भी आपस में बांट लिए। पूरी सूची में सिर्फ़ एक महिला बेनीवाल हैं, जिन्हें सिरसा ज़िले की अध्यक्ष बनाया है।

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